चम्पावतों के गांवों में पानी की परेशानी
संवाद सहयोगी, चम्पावत : जिला मुख्यालय से महज पांच किमी दूर फुंगर ग्राम सभा के जाड़ा तोक के 25 परिव
संवाद सहयोगी, चम्पावत : जिला मुख्यालय से महज पांच किमी दूर फुंगर ग्राम सभा के जाड़ा तोक के 25 परिवार इन दिनों भीषण पेयजल संकट का सामना कर रहे हैं। महिलाएं तड़के चार बजे उठकर नौले से पानी ढोने को विवश हैं। ग्रामीणों ने शीघ्र पानी की आपूर्ति नहीं होने पर कलेक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
चम्पावत नगर के साथ ही आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की किल्लत बनी हुई है। नगर में दो तो ग्रामीण क्षेत्रों में तीन दिन के रोस्टर के बाद पानी की आपूर्ति हो रही है। बावजूद इसके कई गांव ऐसे हैं जहां लोगों को कई-कई दिनों तक पानी का इंतजार करना पड़ रहा है। फुंगर ग्राम सभा का जाड़ा तोक भी इन्हीं में से एक है। जाड़ा के 25 परिवार पिछले एक माह से भीषण पेयजल संकट का सामना कर रहे हैं। फुंगर में पानी की किल्लत नहीं है लेकिन जाड़ा के नल सूखे हुए हैं। यहां के ग्रामीणों को हर साल पानी के लिए जिलाधिकारी के समक्ष गुहार लगानी पड़ती है। घरों में पानी नहीं आने की स्थिति में ग्रामीण मुंह अंधेरे से ही नौले से पानी ढोना शुरू कर देते हैं। खुद के अलावा मवेशियों के लिए भी पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है। ग्राम प्रधान गोपाल सिंह महर, अशोक सिंह, दान सिंह, जमन सिंह, शंकर सिंह, आनंद सिंह आदि ने बताया कि पेयजल टैंक डेढ़ किमी दूर है। गेट वाल भी तोड़ा गया है। जल संस्थान ने रोस्टर के तहत तीसरे दिन पानी देने की बात कही थी। बावजूद पिछले एक माह से ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि विभागीय अभियंता व कर्मचारियों के समक्ष कई बार गुहार लगा चुके हैं फिर भी पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र आपूर्ति सुचारू नहीं की गई तो उन्हें आंदोलन को विवश होना पड़ेगा।
पेयजल लाइन को चेक करा कर शीघ्र पेयजल आपूर्ति सुचारू कर समस्या का समाधान किया जाएगा। आरके वर्मा, ईई, जल संस्थान
बनलेख व धुरा में भी पेयजल संकट
चम्पावत : ग्राम सभा मुडियानी एवं मौराड़ी के मध्य में स्थित बनलेख व धुरा में भी पानी का गंभीर संकट बना हुआ है। ग्रामीणों ने पेयजल मंत्री प्रकाश पंत को ज्ञापन भेज पानी की समस्या से निजात दिलाने की मांग उठाई है।
भाजपा कार्यकर्ता मोहन चंद्र जोशी ने ज्ञापन में कहा है कि गांव में पानी की गंभीर समस्या के चलते लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण तड़के तीन बजे से ही तीन किमी दूर गधेरों से दूषित पानी ढोने को विवश हैं। दूषित पानी पीने से लोगों को बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। सामान्य जाति के सौ तथा अनुसूचित जाति के 30 परिवार पेयजल को लेकर परेशान हैं। कहा है कि कई बार ग्रामीण जन प्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं। बावजूद इसके हर बार उन्हें गुमराह किया गया। इससे क्षेत्र की जनता में आक्रोश पनप रहा है जो कभी भी फूट सकता है।