खनन बंदी से पांच हजार परिवार प्रभावित
संवाद सूत्र, टनकपुर: खनन पर हाईकोर्ट के प्रतिबंध से 5 हजार परिवार सहित हजारों मजदूर सीधे प्रभावित हु
संवाद सूत्र, टनकपुर: खनन पर हाईकोर्ट के प्रतिबंध से 5 हजार परिवार सहित हजारों मजदूर सीधे प्रभावित हुए है। खनन बंद होने कारोबारियों पर रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया हैं। खनन बंद होने से सरकार को सीधे 4 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है।
शारदा नदी में बीते 19 दिसंबर से 31 मई तक खनन कार्य चलता था। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश में खनन का कार्य प्रतिबंधित कर दिया है। अचानक खनन बंद होने क्षेत्र के 2 हजार परिवार व बाहर से आए तीन हजार से मजदूरों के परिवार सीधे प्रभावित हुए है और करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है। अब तक शारदा से खनन में 8 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ हैं। वही अप्रैल व मई माह में खनन से लगभग 4 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति होनी थी। लेकिन खनन कार्य रूकने से सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
खनन कार्य के लिए 319 शक्तिमान वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इस वर्ष शासन ने 6 लाख 85 हजार घन मी. खनन का टारगेट दिया था। जिसमें अब तक 2 लाख 3 हजार घन मी. की निकासी हो चुकी थी।
हजारों श्रमिकों पर गहराया संकट
शारदा नदी में खनन कार्य के लिए पीलीभीत, पुरनपुर, बरहाइच, गौड़ा, लखीमपुर, सीतापुर, बरेली आदि स्थानों से तीन हजार मजदूर पहुंचे है। यह लोग शारदा नदी में छान लगाकर कार्य करते हैं। वहीं टनकपुर का एकमात्र रोजगार का माध्यम भी शारदा नदी से खनन का हैं। खनन बंद होने से मजदूरों में रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है। अब खनन कार्य कब तक खुलता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
क्षेत्र में छाई वीरानी
टनकपुर: शारदा में खनन निकासी बंद होने से शक्तिमान के चक्के थम गए है। नदी क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ है। अभी कुछ मजदूर जरूर दिखाई दे रहे है। लेकिन अब वह भी जाने की तैयारी करने लगे है।
कोर्ट के आदेश के बाद जिलाधिकारी डॉ. इकबाल अहमद ने खनन पूर्णरूप से पाबंदी लगाने के साथ श्रमिकों को भी खनन क्षेत्र से हटाए जाने के निर्देश वन निगम व वन विभाग को दिए हैं।
- हरीश पाल, खनन प्रभारी
खनन का टारगेट वर्तमान निकासी
6 लाख 85 हजार घन मी. 2 लाख 3 हजार घन मी.