पहाड़ में आफत का पाला
दिनेश चंद्र पांडेय, चम्पावत : पहाड़ में दिसंबर और जनवरी का महीना पाले के लिहाज से आफत भरा होता है। ठं
दिनेश चंद्र पांडेय, चम्पावत : पहाड़ में दिसंबर और जनवरी का महीना पाले के लिहाज से आफत भरा होता है। ठंड बढ़ने के साथ ही पाले से सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। हर साल जनपद में इस सीजन में दो दर्जन से ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं। इनमें से अधिकांश दोपहिया वाहन चालक चपेट में आते हैं।
पहाड़ गर्मी में जहां मनभावन मौसम की रंगत के लिए हर एक को आकर्षित करता है। वहीं, सर्दियों में हाड़तोड़ ठंड के लिए जाना जाता है। दिसंबर-जनवरी में बरसात व बर्फबारी के साथ ही पाला यहां के आम जनजीवन को प्रभावित करता आया है। कई क्षेत्रों में तो सुबह पाला बर्फबारी का एहसास कराता है। इस सीजन में वाहन दुर्घटनाओं में इजाफा होने से चालक विशेषकर सुबह के वक्त आशंकित रहते हैं।
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चम्पावत में डेंजर क्षेत्र
सूखीढांग, बनलेख, मानेश्वर, खूना बैंड, अक्कलधारा, मरोड़ाखान, देवीधुरा, मंच, मौनपोखरी, ललुवापानी, खेतीखान, किमतोली, बाराकोट, चौमेल
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खेती व सब्जी की ग्रोथ प्रभावित
चम्पावत : उद्यान सचल दल प्रभारी भूपेंद्र प्रकाश जोशी बताते हैं कि पाले के चलते खेती और सब्जी की ग्रोथ कम हो जाती है। ज्यादा पाले वाले क्षेत्रों में तो पेड़-पौधे झुलस जाते हैं। ऐसे में बागवानी करने वालों को सलाह दी जाती है कि वह नए पौधों को इस मौसम में ढंक कर रखें।
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पिछले तीन साल में हुई दुर्घटनाएं
वर्ष दुर्घटना घायल मौत
2013 17 19 03
2014 20 23 02
2015 23 28 03
- अधिकांश दुर्घटनाएं दोपहिया वाहन चालकों की।
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पाले के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए डेंजर जोनों पर नमक छिड़कने के आदेश मार्ग का रखरखाव कर रही संबंधित निर्माणदाई संस्थाओं को दिए गए हैं। जिससे मार्ग दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
- हेमंत वर्मा, एडीएम, चम्पावत।