सीमांत वासी 29 को करेंगे हल्ला बोल
संवाद सहयोगी, चम्पावत : देश को आजाद हुए सात दशक हो गए हैं। इस अवसर पर 'आजादी 70 पखवाड़े' के तहत जगह-ज
संवाद सहयोगी, चम्पावत : देश को आजाद हुए सात दशक हो गए हैं। इस अवसर पर 'आजादी 70 पखवाड़े' के तहत जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रम भी हो रहे हैं। देश समाज की तरक्की की बातें भी हो रही हैं। इन सबसे अलग सीमांत तल्लादेश के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। इसको लेकर उनमें शासन-प्रशासन के नुमाइंदों के खिलाफ भारी गुस्सा है। वे अब उपेक्षा बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं हैं। अपनी मांगों को लेकर वे 29 अगस्त को जिला मुख्यालय पर हल्ला बोल करेंगे।
नेपाल सीमा से लगी जिले की डेढ़ दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों को तल्लादेश के नाम भी जाना जाता है। इस क्षेत्र में आजादी के 70 साल बाद भी संचार सुविधा के नाम मात्र का काम हुआ है। आज भी यहां के अधिकांश लोग देश-दुनिया से कटे हैं। यहां के मरीजों को आज भी डोली से लाया जाता है। चम्पावत-तामली मोटर मार्ग जरूर पक्का हो गया है, लेकिन क्षेत्र के तमाम लोगों आज भी सड़क तक पहुंचने में आठ से दस घंटे की पैदल यात्रा करनी होती है। इन गांवों के बीमार लोग उपचार के अभाव में घर पर ही या रास्ते में दम तोड़ने को विवश हैं।
क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व लोगों ने बताया कि नेताओं ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए समय-समय पर बिरमोला-रायल, तामली-गढ़मुक्तेश्वर, सिमियाऊरी से ऊरी, लेटी-रियासी-तरकूली-आमड़ा, मंच-बकोड़ा, मंच-दूबड़-जैनल, मट्टी खाल-सौराई, भमार-बोयल-गुरुखोली, बसौटी-रौकुंवर सड़क की घोषणाएं तो कर दीं, लेकिन आज तक उन पर कोई काम नहीं हो सका है। अगर ये सड़कें बन गई होती तो वर्तमान में 12 ग्राम पंचायतों की करीब 12 हजार की आबादी को लाभ मिलता। क्षेत्र की 80 फीसद आबादी आज भी संचार सुविधा से महरूम है।
तमाम गांव आज भी ऐसे हैं जो बिजली से वंचित हैं। बसौटी, सेरी, भंडार, बकुंडा, बुंगा चैकुनी, भेड़ागाड़, सीम, चूका, सौराई, हरतोला, बकोड़ा, कटकाड़ा, खटगिड़ी, ग्वानी, खेत, ब्यूरी, आमड़ा जैसे कितने ही गांव हैं, जहां के लोग आज भी अंधेरे में रहने को विवश हैं। तल्लादेश के लोगों के लिए पेयजल का भी उचित प्रबंध नहीं है। इन समस्याओं के समाधान के लिए क्षेत्र के लोग लगातार आवाज उठाते रहते हैं, लेकिन आज तक उनकी मांगों को लेकर शासन प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई। पिछले वर्ष क्षेत्र के लोगों ने तल्लादेश विकास महापंचायत का गठन कर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था। आज तक उनकी मांगों पर ठोस कार्यवाही न होने के चलते महापंचायत एक बार फिर आंदोलन की तैयारी में जुटी है। महापंचायत के पदाधिकारियों का दावा है कि 29 अगस्त को क्षेत्र के करीब दो हजार लोग सड़क, बिजली, संचार व पेयजल संबंधी मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करेंगे। बाद में सीएम को ज्ञापन भेजा जाएगा।