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लाइफ के लिए खतरा बन रही 'लाइफ लाइन'

नवीन सिंह देउपा, चम्पावत : टनकपुर-चम्पावत हाईवे पहाड़ के लिए लाइफ लाइन मानी जाती है। दिनों दिन यह लाइ

By Edited By: Published: Sat, 23 Jul 2016 07:36 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jul 2016 07:36 PM (IST)
लाइफ के लिए खतरा बन रही 'लाइफ लाइन'

नवीन सिंह देउपा, चम्पावत : टनकपुर-चम्पावत हाईवे पहाड़ के लिए लाइफ लाइन मानी जाती है। दिनों दिन यह लाइफ लाइन यात्रियों की लाइफ के लिए खतरा बनती जा रही है। बरसात होने पर इस हाईवे पर चलना खतरे से कम नहीं है। लोग जान जोखिम में डाल कर इस सड़क पर चलने को विवश हैं। सड़क पर जगह-जगह इतना मलबा आ रहा है कि लोग घंटों जाम में फंस रहे हैं। उनके पास आगे व पीछे जाने का विकल्प ही नहीं बच रहा है। सड़क नीचे से धंसने के चलते कुछ जगहों पर तो लाइफ लाइन ही खतरे में की जद में आ गई है।

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टनकपुर-चम्पावत-तवाघाट (एनएच- 09) करीब डेढ़ साल पहले तक बीआरओ के पास था। सड़क की हालत बेहद खस्ता होने के चलते लोगों ने आंदोलन किया और सड़क एनएच को हस्तांतरण कर दी गई। तब से सड़क की हालत में तो सुधार हुआ, लेकिन प्रकृति इस पर चलने वालों पर रहम करने को तैयार नहीं दिख रही है। पिछले साल बरसात का सीजन सूखा ही निकल गया, लेकिन इस बार बारिश लगातार कहर बरपा रही है। इसी कहर के चलते लाइफ लाइन कहे जाने वाले एनएच-09 पर चलने वालों की लाइफ पर भी लगातार खतरा मंडरा रहा है।

मानसून का सीजन शुरू होने के साथ ही इस सड़क पर चलना भी खतरे से खाली नहीं रह गया है। तेज बारिश होने के कारण करीब एक महीने से हाईवे बंद हो जा रहा है। धौन-स्वाला के बीच में चार जगहों पर लगातार मलबा आ रहा है। चल्थी पुल के समीप नया स्लाइड जोन अस्तित्व में आ गया है। यहां पर इस कदर मलबा आ रहा है कि उसे देखकर यात्रियों की रूह कांप जा रही है। पिछले दिनों चल्थी के समीप एनएच को खोलने में एनएच विभाग को 24 घंटे से अधिक का समय लग गया। अमरूबैंड के समीप भी पहाड़ी से लगातार पत्थर, मलबा व पेड़ गिर रहे हैं। इससे लोग अब इस हाईवे पर जान हथेली में रख कर सफर करने को विवश हैं। शुक्रवार से हो रही तेज बारिश के चलते शनिवार को हाईवे धौन व स्वाला के बीच करीब तीन घंटे बंद रहा। वहीं लगातार मलबा आने की वजह से अमरूबैंड के पास भी तीन घंटे के करीब हाईवे बंद रहा। खतरा देखते हुए चम्पावत-लोहाघाट से टनकपुर की ओर जा रहे तमाम लोग अमरूबैंड से वापस लौट आए।

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धौन के समीप कम मलबा आ रहा है। उसे हटाने के लिए जेसीबी लगातार कार्य कर रही है। स्वाला के पास कुछ ज्यादा ही मलबा आ रहा है। अमरूबैंड के पास पत्थर व पेड़ गिर कर आ रहे थे। वहां पर से मलबा हटाने का कार्य शुरू करने की स्थिति नहीं बन पा रही थी। इससे हाईवे खुलने में देर हुई। चल्थी में कुछ देर के लिए बंद रहा हाईवे। यातायात को सुचारु बनाए रखने के लिए हर मुमकिन प्रयास किया जा रहा है।

- एलडी मथेला, ईई एनएच

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खुद भी खतरे में है लाइफ लाइन

चम्पावत। लगातार हो रही भारी बारिश के चलते पहाड़ की लाइफ लाइन कहा जाने वाला टनकपुर-चम्पावत हाईवे खुद भी खतरे में है। अमरूबैंड के समीप हाईवे का बड़ा हिस्सा टूट कर नीचे गिर गया। चल्थी के समीप भी सड़क कई जगह नीचे से कट रही है। वहीं बेलखेत, स्वाला, धौन के पास भी सड़क दरक रही है। माना जा रहा है कि अगर लगातार तेज बारिश रही तो हाईवे कई जगहों से टूट सकता है। दो साल पहले सिन्याड़ी के पास हाईवे का काफी हिस्सा टूट कर नीचे गिर गया था। एनएच के ईई एलडी मथेला ने बताया कि हाईवे पर ऐसी दस जगहें चिह्नित की गई हैं, जहां सड़क टूट रही है। इससे भारत सरकार को अवगत करा दिया गया है। अमरूबैंड के समीप यातायात को चालू रखने के लिए मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है। सड़क टूटने की जगहों की मरम्मत के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है।


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