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नगर व गांवों में आज से गौरा महोत्सव की धूम

जागरण संवाददाता, लोहाघाट : नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में आज से गौरा महोत्सव की धूम मचेगी। इसकी सभी

By Edited By: Published: Thu, 03 Sep 2015 04:07 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2015 04:07 PM (IST)
नगर व गांवों में आज से गौरा महोत्सव की धूम

जागरण संवाददाता, लोहाघाट : नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में आज से गौरा महोत्सव की धूम मचेगी। इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। महिलाओं का इस पर्व का खास तौर पर इंतजार रहता है। महिलाएं इस दिन गौरा-महेश्वर की पूजा घर में सुख शांति व संतान सुख की कामना करती हैं। नेपाल सीमा से लगे गुमदेश क्षेत्र में इस पर्व का अपना अलग महत्व है। यहां लगने वाले मेले में भारत और नेपाल से बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।

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गुरुवार को गौरा महोत्सव के लिए नेपाल सीमा से लगे सुनकुरी गांव में महोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। सुनकुरी गांव में प्राचीन समय से चला आ रहा यह महोत्सव आठ दिनों तक चलता है। महोत्सव का शुभारंभ केएमवीएन के निदेशक मोहन सिंह ढेक करेंगे। उद्घाटन समारोह में स्थानीय महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सजधज कर कलश यात्रा निकालेंगी। गांव के गण्यमान्य लोगों ने तैयारियों को अंतिम रूप दिया। यहीं के जिण्डी चमदेवल में गौरा महोत्सव का शुभारंभ राज्यसभा सांसद महेन्द्र सिंह माहरा द्वारा किया जाएगा। ग्रामीणों ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। सामाजिक कार्यकत्री पुष्पा कलौनी की अध्यक्षता व कल्याण चंद के संचालन में आयोजित होने वाले उद्घाटन समारोह से पूर्व महिलाओं द्वारा गौरा देवी की प्रतिमा को सजाया व संवारा जाएगा। उधर मडलक क्षेत्र के जमरसों, लेटी, डुंगरा में भी गौरा महोत्सव का शुभारंभ होगा।

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संतान प्राप्ति के लिए रखे गौरा-महेश्वर का व्रत

लोहाघाट : ज्योतिषाचार्य पं. रेवाधर कलौनी ने बताया कि 4 सितंबर 2015, भाद्रपद 18 गते शुक्रवार को गौरा महेश्वर का व्रत किया जाएगा। इसे मुक्ताभरण सप्तमी या संतान सप्तमी व्रत भी कहते हैं। इस दिन पति-पत्‍‌नी दोनों के द्वारा व्रत रखकर भगवान शिव व पार्वती एवं सूर्य देव की पूजा की जाती है। व्रत के दौरान महिलाओं द्वारा डोर का पूजन किया जाता है। दूसरे दिन 5 सितंबर को दुर्वा अष्टमी पर डोर पूजन के साथ महिलाओं द्वारा उसे धारण किया जाता है। कलौनी ने बताया कि यह व्रत संतान सुख एवं वंश वृद्धि की कामना के लिए किया जाता है। इसके बाद रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर महिलाओं को उनकी विशेष पूजा अर्चना करनी चाहिए।


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