भाजपा विधायक फत्र्याल समेत 45 को जेल भेजा
जागरण संवाददाता, चम्पावत : जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव से चार दिन पहले सदस्य मीना देवी के कथित अ
जागरण संवाददाता, चम्पावत : जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव से चार दिन पहले सदस्य मीना देवी के कथित अपहरण को लेकर हुए बवाल के दौरान जिलाधिकारी दफ्तर में तोड़फोड़ व हाईवे जाम करने के मामले में लोहाघाट विधायक समेत 45 भाजपा नेताओं ने सोमवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। सीजेएम ने सबकी जमानत खारिज कर दी। सभी को अल्मोड़ा जेल भेजा दिया गया। कोर्ट से 24 जुलाई को 49 के खिलाफ वारंट जारी हुए थे। दो आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए जबकि दो के पिता का नाम गलत निकला।
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में यहां भाजपा व कांग्रेस की सीधी टक्कर थी। भाजपा से लोहाघाट विधायक पूरन सिंह फत्र्याल की पत्नी सुषमा फत्र्याल व कांग्रेस से खुशाल सिंह अधिकारी मैदान में थे। इसी बीच जनकांडे की सदस्य मीना देवी अचानक गायब हो गई। भाजपा नेताओं ने मीना देवी का अपहरण होने की बात कहते हुए उनकी बरामदगी को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया। एक अगस्त को लोहाघाट विधायक पूरन फत्र्याल व भाजपा जिलाध्यक्ष सुभाष बगौली के नेतृत्व में समर्थकों व भाजपा नेताओं ने डीएम कार्यालय पर हंगामा और तोड़फोड़ की।
बाद में प्रदर्शनकारियों ने छतार पहुंच कर टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे जाम कर दिया। पुलिस ने दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज कर कुल 51 लोगों को नामजद किया था। विधायक व उनके अन्य समर्थक मामले को लेकर हाई कोर्ट चले गए, लेकिन राहत नहीं मिली। वहीं मामले के दो आरोपियों को कोर्ट पहले ही जेल भेज चुकी है। 24 जुलाई को पेश न होने पर कोर्ट ने विधायक फत्र्याल, भाजपा जिलाध्यक्ष बगौली, जिला महामंत्री व जिपं सदस्य गोविंद सामंत, जिला महामंत्री दीप पाठक, जिपं सदस्य उमाशंकर भट्ट, मुकेश कुमार, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह बोहरा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ललित मोहन पांडेय, भाजपा नगर अध्यक्ष राजेश उप्रेती, ब्लाक प्रमुख के पति नरेश सकारी समेत 49 के खिलाफ वारंट जारी किया था।
विधायक फत्र्याल ने सोमवार को 45 समर्थकों समेत सीजेएम मनमोहन सिंह की कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता लक्ष्मण सिंह बोहरा व विद्याधर जोशी ने जमानत याचिका दाखिल की। कोर्ट ने मामले की प्रकृति व गंभीरता को देखते हुए याचिका खारिज कर दी। शाम करीब साढ़े पांच बजे पुलिस अभिरक्षा में सभी अभियुक्तों को अल्मोड़ा जेल भेज दिया गया। अधिवक्ता विद्याधर जोशी ने बताया कि अगली तिथि सात अगस्त नियत है। मंगलवार को वह जिला जज की अदालत में जमानत याचिका दाखिल करेंगे। वहीं विधायक फत्र्याल का कहना है कि उन्हें सरकार के इशारे पर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने झूठा फंसाया है। उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। मामले को सड़क से सदन तक उठाया जाएगा। हरीश रावत के खिलाफ जनांदोलन होगा। अभियोजन पक्ष की पैरवी एपीओ विजय राय व आलोक पांडेय ने की।