Move to Jagran APP

थाने के लिए नहीं देंगे भूमि

जागरण संवाददाता, चम्पावत : रीठा साहिब थाना भवन निर्माण को लेकर चल रहा विवाद गहराता जा रहा है। ग्रामी

By Edited By: Published: Thu, 02 Jul 2015 11:04 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2015 11:04 PM (IST)
थाने के लिए नहीं देंगे भूमि

जागरण संवाददाता, चम्पावत : रीठा साहिब थाना भवन निर्माण को लेकर चल रहा विवाद गहराता जा रहा है। ग्रामीणों ने साफ कह दिया कि पुलिस थाना भवन कहीं और बनाए। वह एक इंच भूमि देने को तैयार नहीं है। वहीं राजस्व विभाग के रिकार्ड के मुताबिक सरकार ने पुलिस को केवल पांच नाली तीन मुठ्ठी भूमि दी है, जिसकी कानूनगो व पटवारी ने ग्रामीणों व पुलिस की मौजूदगी में पैमाइश कर दी है।

loksabha election banner

करीब चार साल पहले खुला रीठा साहिब थाना फिलहाल रैनबसेरे में चल रहा है। सरकार ने पुलिस विभाग को ग्राम कुलियाल गांव में थाना भवन बनाने के लिए जमीन आवंटित की है। थाने के लिए जिस भूमि का चयन किया गया है, वह गांव के बीच स्थित है। इस वजह से ग्रामीण गांव में थाना भवन बनाने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने जो भूमि चयन की है, उसमें से अधिकांश भूमि पर ग्रामीण खेती कर रहे हैं। उन्हें पट्टे भी मिले हैं। इसको लेकर पिछले दिनों ग्रामीणों ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन भी सौंपा।

डीएम ने एसडीएम पाटी को राजस्व विभाग की टीम भेज कर जांच कराने के निर्देश दिए थे। गुरुवार को कानूनगो विक्रम सिंह बिष्ट व पटवारी हरीश गोस्वामी ने ग्रामीणों व पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में आवंटित भूमि की पैमाइश की। कानूनगो ने बताया कि पुलिस को पांच नाली तीन मुठ्ठी भूमि आवंटित की गई है। उसकी पैमाइश कर दी गई है। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य खरहीं भोला सिंह बोहरा, ग्राम प्रधान महेश राम भी मौजूद थे। जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस को थाना व आवासीय भवन के लिए 11 नाली भूमि की जरूरत है। आवंटित भूमि से उनका काम नहीं चलने वाला है। ऐसे में पुलिस ग्रामीणों की भूमि पर कब्जा करेगी। तब टकराव की नौबत आएगी। ग्रामीणों ने कहा है कि वे पुलिस को एक इंच भूमि भी नहीं देंगे। पुलिस के अधिकारी थाने के लिए कहीं और जमीन खोजें।

=== इनसेट ===

थाने के लिए चयनित भूमि गांव के बीच है। उस पर जाने के लिए रास्ता भी नहीं है। क्योंकि सड़क व भूमि के मध्य नाप खेत पड़ रहा है। ग्रामीण भूमि देने को तैयार नहीं हैं। पुलिस प्रशासन अगर जबरदस्ती करता है तो टकराव की नौबत आएगी। चयनित जगह से सट कर दो नाले व एक नदी भी बहती है। थाना भवन बन भी जाता है तो भविष्य में खतरा बना रहेगा। इसलिए पुलिस के अधिकारियों को थाने के लिए भूमि का चयन अन्यत्र करना चाहिए।

- भोला सिंह बोहरा, जिपं सदस्य खरहीं


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.