आफत बनकर बरसे मेघ
जागरण संवाददाता, चम्पावत : पहाड़ में रविवार को फिर ओलावृष्टि और झमाझम बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा
जागरण संवाददाता, चम्पावत : पहाड़ में रविवार को फिर ओलावृष्टि और झमाझम बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। बारिश के कारण रोज कमाकर खाने वालों को मायूसी हाथ लगी। साथ ही लोगों को भी तमाम दुश्वारियां हुई। बारिश से सफाई व्यवस्था की पोल खुल गई और पानी सड़कों पर बहा। जिससे पैदल चलने वाले परेशान रहे।
मालूम हो कि इन दिनों पहाड़ में मौसम का मिजाज गिरगिटी रंग में है। जिससे लोग हैरान हैं। बेमौसम बारिश ने तो लोगों की दुश्वारियां और बढ़ा दी हैं। बारिश से ठंड बरकरार है और गर्मी के कदम ठिठक गए हैं। अप्रैल माह में भी लोग बनियान और जैकेट पहने हैं। जिससे यह मौसम दिसंबर का आभास करा रहा है। पर्यावरणविद इस बेमौसमी बारिश को ग्लोबल वार्मिग और पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव मान रहे हैं। रविवार को आसमान में सुबह से ही हल्के बादल छाए रहे। लेकिन दोपहर बाद आसमान काले बादलों से घिर आया और ओलावृष्टि के साथ ही बरसात हुई। जिससे ठंड फिर लौट आई।
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सुरक्षित बची आलू की फसल सड़ने के आसार
चम्पावत : बेमौसम बारिश ने काश्तकारों को भी खासी चिंता में डाल दिया है। एक तो जनपद में बेमौसमी बरसात से 55 फीसदी आलू की फसल पहले ही प्रभावित हो चुकी है। अब ऐसे में रविवार को हुई बारिश ने काश्तकारों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है। रविवार को फिर हुई बेमौसमी बारिश से शेष बची आलू की फसल के सड़ने की संभावना बढ़ गई है। साथ ही पहाड़ में बारिश का असर गेहूं और जौ की खेती पर भी पड़ा है।
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मुड़ियानी में सड़ा आलू फेंके जाने पर ग्रामीण खफा
चम्पावत : मुख्यालय के आलू व्यापारियों द्वारा बीज का सड़ा हुआ आलू मुड़ियानी क्षेत्र में फेंके जाने पर ग्रामीण खासे नाराज हैं। क्षेत्रीय काश्तकारों ने बताया कि क्षेत्र में बाजार के आलू व्यापारियों ने बीज का सड़ा हुआ मुड़ियानी क्षेत्र में फेंक दिया है। जिससे वहां गंदगी के साथ ही बदबू आ रही है और आम लोगों का जीना मुश्किल बना हुआ है। क्षेत्र के लोगों ने आलू व्यापारियों के खिलाफ गहरी नाराजगी व्यक्त की है।