बारिश के बीच चमू देवता के दर्शन
जागरण संवाददाता, लोहाघाट : नेपाल सीमा से लगे गुमदेश क्षेत्र का प्रसिद्ध चैतोला मेला सोमवार को परंपरा
जागरण संवाददाता, लोहाघाट : नेपाल सीमा से लगे गुमदेश क्षेत्र का प्रसिद्ध चैतोला मेला सोमवार को परंपरागत पस्यारा (मंगल गीत) के साथ संपन्न हो गया है। अन्तिम दिन बारिस के कारण काफी कम मात्रा में श्रद्धालु चमू देवता के दर्शन को पहुंच पाए। इस दफा पहली नवरात्र से अंतिम दिन तक लगभग 30 हजार से अधिक लोगों ने चमू देवता के मंदिर में शीश झुकाकर मन्नतें मांगी।
रविवार देर सायं से शुरू हुई बारिश सोमवार दोपहर तक जारी रहने के कारण चैतोला मेले की रौनक फीकी पड़ गई। मेला स्थल पर विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे व्यापारियों ने बारिश की भारी संभावना को देखते हुए रविवार को ही अपना सामान समेट लिया था। जिस कारण व्यापारिक मेला काफी प्रभावित हुआ। दोपहर बाद बारिश थमने के बाद काफी कम लोग खरीदारी करने मेला स्थल पहुंच पाए। इस कारण व्यापारियों को निराशा ही हाथ लगी। विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे सैंकड़ों लोगों ने चमू देवता की पूजा-अर्चना कर मन चाहे वरदान की कामना की। ग्रामीण महिलाओं-पुरूषों ने मंदिर परिसर में परंपरागत तरीके से चमू देवता की स्तुति में मंगल गीत गाए। क्षेत्रवासियों ने वीर गाथा पर आधारित ढुस्का गीतों से लोगों को चमू देवता के इतिहास की जानकारी दी। चमू देवता के मुख्य पुजारी लक्ष्मण सिंह, धामी जगत सिंह ने श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया। कमेटी के अध्यक्ष दीवान सिंह, खीमराज सिंह धौनी पूर्व अध्यक्ष नर सिंह धौनी, संरक्षक शंकर सिंह अधिकारी, मदन कलौनी, कुंवर सिंह प्रथोली, देव सिंह धौनी, हरीश चंद्र कलौनी, चंद्री चंद, हयात सिंह, तारा सिंह सामंत, हयात सिंह धौनी, रमेश कुमार, गुलाब राम, राम सिंह धौनी, गुमान सिंह प्रथोली आदि ने मेले की व्यवस्था में सहयोग के लिए प्रशासन एवं स्थानीय जनता का आभार जताया।