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नशा न करने का संकल्प

जागरण संवाददाता, चम्पावत : जनपद में 'नशा हटाओ-जीवन बचाओ' अभियान जारी है। ललुवापानी क्षेत्र में आहूत

By Edited By: Published: Thu, 05 Mar 2015 09:23 PM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2015 04:09 AM (IST)
नशा न करने का संकल्प

जागरण संवाददाता, चम्पावत : जनपद में 'नशा हटाओ-जीवन बचाओ' अभियान जारी है। ललुवापानी क्षेत्र में आहूत गोष्ठी में ग्रामीणों को जागरूक करते हुए नशामुक्त समाज के निर्माण के लिए आगे आने का आह्वान किया। इस दौरान नशे से होने वाली घातक बीमारियों की जानकारी देकर ग्रामीणों से नशा न करने के संकल्प पत्र भराए गए।

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जीआइसी सिप्टी के शिक्षक सामश्रवा आर्य ने स्वयं के प्रयासों से जनपद के विभिन्न विद्यालयों व ग्रामीण क्षेत्रों में 'नशा हटाओ-जीवन बचाओ' की अलख जगाए हुए हैं। इसके तहत आर्य लोगों को नशे से दूर रहने का आह्वान कर रहे हैं। अभियान के तहत ललुवापानी में ग्राम प्रधान लोकमणि जोशी की अध्यक्षता में विचार गोष्ठी हुई। इसमें आर्य ने कहा कि स्वस्थ समाज के निर्माण में स्वस्थ लोगों की भूमिका अहम होती है, लेकिन वर्तमान में युवा वर्ग नशे की चपेट में सबसे ज्यादा है। लिहाजा, ग्रामीण और अभिभावक युवाओं के बेहतर भविष्य को आगे आएं और उन्हें नशे की लत से दूर रखें। आर्य ने होली पर्व के दौरान नशा न करने के साथ ही ग्रामीणों को भी नशा न करने के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया। ग्रामीणों व व्यापारियों ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए अपने पाल्यों को नशे से दूर रहने का भरोसा दिलाया। गोष्ठी में नशे को त्यागने वाले तमाम ग्रामीणों का उदाहरण देते हुए नशे से दूर रहने को कहा। कार्यक्रम में कृष्णानंद जोशी, दिनेश चंद्र जोशी, कैलाश खर्कवाल, प्रदीप खर्कवाल, गोपाल दत्त, बालादत्त, सतीश बिनवाल सहित तमाम व्यापारी व ग्रामीण मौजूद रहे।

इनसेट -

पियक्कड़ शराब पीकर न करें हुड़दंग

चम्पावत : नशामुक्त परिवेश एवं स्वच्छ पर्यावरण अभियान को लेकर वर्षो से जनजागरण कर रहे कुमाऊंनी कवि प्रकाश जोशी शूल ने होली के दौरान पियक्कड़ों से शराब पीकर हुड़दंग न करने की अपील की है। शूल ने कहा कि कुछ लोग आपसी राग-द्वेष से प्रेरित होकर बदले की भावना से होलियों को बहाना बनाकर हुडदंग करते हैं, जो गलत है। उन्होंने पुलिस से ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का अनुरोध किया है। बता दें कि शूल वर्तमान में पैरालीगल वालिंटियर्स के रूप में कार्य कर रहे हैं और वह कविताओं के माध्यम से समाज में नशा न करने की अलख जगाए हुए हैं।


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