80 घंटे बाद आई बिजली
चम्पावत : हिमपात की वजह से चम्पावत जिले के पहाड़ी हिस्से में रहने वालों को बिजली के दर्शन 80 घंटे बाद
चम्पावत : हिमपात की वजह से चम्पावत जिले के पहाड़ी हिस्से में रहने वालों को बिजली के दर्शन 80 घंटे बाद हो सके। गुरुवार को दिन में बिजली की आंख मिचौली जारी रही। वहीं ललुवापानी क्षेत्र की बिजली शाम को चालू हो सकी। पल्सों क्षेत्र की बिजली लाइन फिर भी दुरुस्त नहीं हो सकी। वहां के लोगों को चौथी रात भी अंधेरे में बितानी पड़ी।
भारी हिमपात की वजह से जिले के पहाड़ी हिस्से की बिजली रविवार की शाम चार बजे गुल हो गई थी। दूसरे दिन बर्फबारी होती रही। इस वजह से विद्युत कर्मी चाह कर भी फाल्ट नहीं ढूंढ पाए। मंगलवार को दिनभर प्रयास के बाद बापरू व मरोड़खान के बीच वह फाल्ट खोज सके। पेड़ टूट कर गिरने की वजह से पिथौरागढ़ चम्पावत आ रही 33 केवी लाइन जगह जगह क्षतिग्रस्त हो गई थी। शाम होने की वजह से काम नहीं हो पाया। बुधवार को ईई एनएस खाती के नेतृत्व में एसडीओ चम्पावत बीएम भट्ट, एसडीओ लोहाघाट एचएस सोन, जेई रमेश पंत, अशोक कुंवर, लाइनमैन शम सिंह, लक्ष्मण सिंह, गंगा दत्त आदि की टीम ने लाइन की मरम्मत शुरू की। तब जाकर शाम को करीब साढ़े आठ बजे लाइन की मरम्मत हो सकी। इसके बाद लाइन चालू की गई तो चम्पावत तक बिजली नहीं पहुंची। इसके बाद फिर गड़बड़ी की खोज की गई। तब जाकर पता चला कि लोहाघाट डिग्री कालेज के समीप लाइन क्षतिग्रस्त हुई है। उसे साढ़े नौ बजे ठीक किया जा सका। इसके बाद चम्पावत की बिजली रात में लगभग 12 बजे बजे चालू हो सकी। वहीं रात से सुबह तक नगर की विद्युतापूर्ति तो सुचारु रही, लेकिन आसपास की बिजली चालू नहीं हो सकी। सुबह आसपास की बिजली बहाल करने के लिए अधिकारियों को बार बार शट डाउन लेना पड़ा। इस वजह से बिजली की आंख मिचोली जारी रही। एसडीओ बीएम भट्ट ने बताया कि ललुवापानी फीडर की केबल खराब होने के चलते वहां की बिजली देर शाम चालू हो सकी। पल्सों आदि क्षेत्रों में लाइन क्षतिग्रस्त होने के चलते देर शाम तक विद्युतापूर्ति बहाल नहीं हो सकी। शुक्रवार को लाइन की मरम्मत कराई जाएगी।
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फोन लाइन खराब होने से हुई दो घंटे की देरी
चम्पावत : अधिशासी अभियंता एनएस खाती ने बताया कि लोहाघाट चम्पावत के बीच लाइन की मरम्मत बुधवार की रात 9.30 बजे कर ली गई थी। चम्पावत के 33 केवी सब स्टेशन के कर्मचारी को फोन करने का प्रयास किया गया, लेकिन बीएसएनएल की सेवा ध्वस्त थी। इस वजह से कर्मचारी से संपर्क नहीं हो सका। इसके बाद उन्होंने एसपी, डीएम व कोतवाल आदि का फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन नहीं हो सका। बाद में वह लोहाघाट से एसडीओ बीएम भट्ट के साथ खुद रात में सब स्टेशन पहुंचे। तब जाकर रात में 11.35 बजे नगर की बिजली चालू की जा सकी।
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टनकपुर से मंगानी पड़ी लेबर
चम्पावत : ईई एनएस खाती ने बताया कि बापरू व मरोड़खान के बीच पेड़ गिरने से 33केवी लाइन करीब छह-सात जगह क्षतिग्रस्त हो गई थी। उसे ठीक करने के लिए 15-20 मजदूरों की जरूरत थी, लेकिन चम्पावत में मजदूर नहीं मिले। इसके बाद टनकपुर से लेबर मंगा कर मरम्मत का कार्य किया गया।