शिक्षा व स्वास्थ्य को निजी हाथों में सौंपने का विरोध
लोहाघाट : रचनात्मक शिक्षक मंडल ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था को पीपीपी मोड में देने की मुखालफत की
लोहाघाट : रचनात्मक शिक्षक मंडल ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था को पीपीपी मोड में देने की मुखालफत की है। उसका कहना है कि शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी मूलभूत जरूरत को निजी हाथों में सौंपने से जनता का हित नहीं होगा। शिक्षक मंडल सरकार की ऐसी किसी भी योजना का पुरजोर विरोध करेगा तथा जरूरत हुई तो जनांदोलन भी खड़ा किया जाएगा।
बीआरसी सभागार में आयोजित बैठक में मुख्य वक्ता के रूप में आइटीआइ कानपुर के मैकेनिकल इंजीनिय¨रग प्रोफेसर प्रशांत शुक्ला ने कहा कि देश में शिक्षा व स्वास्थ्य को निजी हाथों में बेचकर जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग किया जा रहा है। निजी क्षेत्र द्वारा जमीन खरीदकर अपने संसाधनों से अस्पताल खोला जाता है तो यह कुछ हद तक जायज हो सकता है किंतु जनता के पैंसों से स्थापित अस्पतालों एवं स्कूलों को मुफ्त में किसी व्यक्ति को देकर उसे खुली छूट देना असंवैधानिक तथा जनता के साथ धोखा है। उनका कहना था कि आइटीआइ जैसे संस्थानों में जनता द्वारा कर के रूप में दिए गए पैसों से छात्रों की करोड़ों की फीस के बजाय सस्ती फीस पर इंजीनिय¨रग की शिक्षा दी जाती है, परंतु अधिकांश छात्रों के बुद्धि एवं कौशल का उपयोग देश के विकास में नहीं हो पा रहा है। इस मौके पर रचनात्मक शिक्षक मंडल के राज्य संयोजक कुंवर सिंह प्रथोली, जगदीश अधिकारी, अनिल पचौली, महेश उप्रेती, जगदीश बोरा, रमेश रावत, भुवन जोशी, डॉ. शैलेंद्र वर्मा समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे।