टावर लगाने के नाम पर चम्पावत में भी ठगी
चम्पावत: मोबाइल टावर लगाने के नाम पर चम्पावत में भी ठगी हुई है। ठग कोई और नहीं धीरज गहतोड़ी ही है। कन
चम्पावत: मोबाइल टावर लगाने के नाम पर चम्पावत में भी ठगी हुई है। ठग कोई और नहीं धीरज गहतोड़ी ही है। कनालीछीना में मामले का खुलासा होने पर यहां के लोगों को ठगने का पता चला है। अब वह अपनी रकम वापस पाने के लिए परेशान हैं। बताया जाता है कि जिले के करीब 90 लोगों से लाखों की ठगी की गई है।
मल्ली चौकी निवासी चतुर सिंह बोहरा, लटोली निवासी रमेश चंद्र पांडेय, राजेंद्र जोशी, चंद्रशेखर जोशी आदि ने बताया कि मार्च माह में उनका संपर्क धीरज गहतोड़ी से हुआ। धीरज ने बताया कि वह रामनगर की देवभूमि कंस्ट्रकेशन कंपनी से जुड़ा है। कंपनी विभिन्न मोबाइल एजेंसियों के लिए टावर लगाने का काम करती है। वह उनकी जमीन पर टावर लगवा देगा। नौ हजार रुपये किराया देने के साथ ही उन्हें टावर में साढे़ छह हजार की नौकरी भी दी जाएगी। इसी लालच में वह जमीन किराये पर देने को राजी हो गए।
धीरज गहतोड़ी ने उनसे मार्च माह में इस संबंध में कार्रवाई करने के लिए 5300 रुपये फीस, पांच सौ रुपये स्टांप के लिए व तीन सौ रुपये मिट्टी जांच के नाम पर लिए। तब से उनका फोन पर संपर्क हो रहा था। रमेश पांडेय ने बताया कि उनकी लोहाघाट ब्लाक के बगोटी गांव में पुस्तैनी जमीन है। जमीन खाली पड़ी थी, मासिक आमदनी ठीकठाक हो जाएगी, यह सोचकर वह धीरज के झांसे में आ गए। दो दिन पहले कनालीछीना का समाचार पढ़ने के बाद उन्हें पता चला कि धीरज गहतोड़ी ने टावर लगाने के नाम पर लाखों की ठगी की है, तब उन्हें भी ठगे जाने का अहसास हुआ है। दो दिन से वह धीरज के मोबाइल नंबर 9690330104 पर संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन वह स्विच ऑफ आ रहा है। उन्होंने बताया कि चौमेले के प्रकाश पुनेठी से तो धीरज 30 हजार रुपये ले गया है। इसी तरह वह जिले के करीब 90 लोगों से लाखों रुपये ठगकर चंपत हो गया है। ठगी के शिकार हुए लोगों ने बताया कि वह जल्द ही एसपी से मिल कर रकम वापस कराने व मामले में कानूनी कार्रवाई की मांग करेंगे।
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कंपनी का पता भी है फर्जी
चम्पावत : मोबाइल टावर लगाने के नाम पर धीरज गहतोड़ी ने जिस कंपनी का नाम का इस्तेमाल किया है, उसका पता ही फर्जी है। पते के स्थान पर नियर रानीखेत रोड पंजाबी सभा ढिकाला रामनगर लिखा गया है। जबकि रामनगर में रानीखेत रोड पर पंजाबी सभा है ही नहीं। ढिकाला भी जिम कार्बेट पार्क के भीतर का स्थान है। इससे स्पष्ट होता है कि पता पूरी तरह फर्जी है।