आशियाना रोशन करेगा छिलका
चम्पावत : मौनपोखरी ग्राम पंचायत के ग्राम विलहैडी व बकुंडा गांवों के 50 परिवार अब भी बिजली को तरस रहे
चम्पावत : मौनपोखरी ग्राम पंचायत के ग्राम विलहैडी व बकुंडा गांवों के 50 परिवार अब भी बिजली को तरस रहे हैं। इस बार भी वह छिलके की रोशनी में दीपावली का पर्व मनाने को विवश होंगे। बिजली विभाग सात साल पहले लाइन डाललर भूल गया है। ग्रामीणों के बार-बार मांग उठाए जाने के बाद भी कोई सुध लेने को तैयार नहीं है। एक बार फिर ग्रामीणों ने लाइन चालू कराने की गुहार लगाई है।
मंच तामली रोड पर जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर मौनपोखरी ग्राम पंचायत के ग्राम विलहैडी व बकुंडा में विद्युतीकरण के लिए विभाग ने लाखों रुपये खर्च कर लाइन बिछाई, लेकिन अधिकारी बिजली चालू करना भूल गए। अब लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई है। ग्रामीण लंबे समय से लाइन की मरम्मत कर चालू कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। हर साल की तरह इस साल भी ग्रामीणों को छिलके(चीड़ के पेड़ का ज्वलनशील हिस्सा) की रोशनी में दीपावली मनानी होगी। ग्रामीणों के मुताबिक अब राशन की दुकानों में मिट्टी तेल नहीं के बराबर मिलता है। वह आग जलाने व रोजमर्रा के कामों में खत्म हो जाता है। तीन साल पहले सोलर लालटेन मिली थीं, लेकिन अब वह खराब हो चुकी हैं। ऐसे में उनके लिए छिलका ही एकमात्र सहारा है। ग्रामीण बिजली की लाइन चालू कराने के लिए एक बार फिर मुखर होने लगे हैं। ग्राम प्रधान नरूली देवी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने अधिशासी अभियंता को ज्ञापन सौंप कर अपनी आपबीती सुनाते हुए जल्द लाइन चालू कराने की मांग की है। इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता मोहन सिंह महर, राम सिंह, बाला दत्त, हयात राम, सुभाष चंद्र, कमल किशोर, पुष्कर सिंह, महेश राम, खीम सिंह, जगदीश सिंह, गिरीश सिंह, रामी राम, रमेश चंद्र आदि मौजूद रहे।
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सड़क को भी तरस रहे ग्रामीण
चम्पावत : ग्राम विलहैडी व बकुंडा के लोग बिजली ही नहीं सड़क को भी तरस रहे हैं। लंबे समय से उठाई जा रही सड़क की मांग को भी हर किसी ने अनसुना किया है। सामाजिक कार्यकर्ता मोहन महर ने बताया कि सड़क न होने के चलते लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से कई बार गुहार लगाई जा चुकी है। अब तक किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। अगर यहां के लोगों को बाजार या जिला मुख्यालय आना होता है तो, गाड़ी पकड़ने के लिए उन्हें सुबह चार बजे ही चल देना पड़ता है। क्योंकि मौनपोखरी से सुबह आठ बजे बाद बाजार आने के लिए गाड़ी नहीं मिलती। गांव से मौनपोखरी तक का करीब पांच किमी मार्ग जंगल से होकर गुजरता है। ऐसे में जंगली जानवरों का भी खतरा रहता है। तब भी लोगों के काम छिलका ही आता है। छिलके की रोशनी में ही वह तड़के घर से निकल पाते हैं।
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विलहैडी एवं बकुंडा की लाइन मरम्मत व वहां ट्रांसफार्मर स्थापित करने के लिए टेंडर हो चुके हैं। उम्मीद है कि जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद दोनों गांव बिजली की रोशनी से जगमगा उठेंगे।
- आरसी पंत, जेई यूपीसीएल, चम्पावत