कलक्ट्रेट पर गरजे कर्मचारी
चम्पावत : तीन सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे कलक्ट्रेट कर्मियों को फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल ए
चम्पावत : तीन सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे कलक्ट्रेट कर्मियों को फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल एसोसिएशन व एजूकेशन मिनिस्टीरियल एसोसिएशन का साथ मिल गया है। इसके साथ ही उनका जोश बढ़ गया है। कर्मचारियों ने कलक्ट्रेट पर रैली निकालने के बाद डीएम दफ्तर के आगे धरना दिया। साथ ही आरपार की लड़ाई का एलान भी कर दिया।
सोमवार को कलक्ट्रेट मिनिस्टीरियल कर्मचारियों की हड़ताल को डेढ़ महीना पूरा हो गया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जिलाध्यक्ष गुसाई सिंह किरौला के नेतृत्व में सभी कर्मचारी कलक्ट्रेट पर एकत्र हुए। साथ देने के लिए फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल एसोसिएशन व एजूकेशन मिनिस्टीरियल एसोसिएशन से जुड़े कर्मचारी भी पहुंचे। फेडरेशन के जिलाध्यक्ष डीके पंत की अध्यक्षता एवं एसोसिएशन के सचिव एसएस सिद्दीकी के संचालन में सभा हुई। वक्ताओं ने कहा कि 29 अक्टूबर को देहरादून में प्रदेश भर के कर्मचारी विशाल रैली निकाल कर सरकार को जगाने का काम करेंगे। फेडरेशन के अध्यक्ष पंत ने कहा कि मुख्यमंत्री हड़ताली कर्मचारियों से वार्ता करने को तैयार नहीं हैं।
रैली में भूपेश देव ताऊ, एलएम चतुर्वेदी, मुकेश सुतेड़ी, ब्रजमोहन सिंह, ललित मोहन खोलिया, विशन सिंह गब्र्याल, नवीन देउपा, ललित मोहन उप्रेती, इंद्रेश लोहनी, संजय जोशी, पूरन पांडेय, हिमांशु वर्मा, हेम चंद्र उप्रेती आदि शामिल रहे।
पिथौरागढ़ : कलक्ट्रेट कर्मियों का कार्य बहिष्कार सोमवार को 36वें दिन भी जारी रहा। कलक्ट्रेट कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रवींद्र सिंह डीनिया की अगुवाई में कर्मचारियों ने जिला कार्यालय परिसर क्षेत्र में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद कर्मचारियों ने धरना दिया। धरना स्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि 36 दिन बीतने के बाद भी सरकार ने कर्मचारियों की मांगें पूरी करने की दिशा में कोई पहल नहीं की है। धरना देने वालों में एनडी पंत, कमल किशोर पांडेय, प्रेम चंद्र जोशी, महेंद्र चंद, नंदन राम चौंसाली, गणेश सिंह, नर्वदेश्वरी भट्ट, गोपा जोशी, देवेश पांडे आदि शामिल थे।
इधर कार्य बहिष्कार के कारण आम जनता परेशान है। विभिन्न प्रमाण पत्र, मुख्यमंत्री सहायता कोष, आपदा राहत राशि वितरण आदि का कार्य ठप है। लोग हर रोज कार्य बहिष्कार खत्म होने की आश में जिला मुख्यालय पहुंच रहे हैं। लोगों का कहना है कि कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार तक सरकार वैकल्पिक व्यवस्था करे।