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तीन दिन में ही भूले कप्तान की सीख

चम्पावत: नवागत कप्तान ने पहली क्राइम मीटिंग में पुलिस कर्मियों को सीख दी थी, उसे कोतवाली पुलिस तीन द

By Edited By: Published: Sun, 19 Oct 2014 09:07 PM (IST)Updated: Sun, 19 Oct 2014 09:07 PM (IST)
तीन दिन में ही भूले कप्तान की सीख

चम्पावत: नवागत कप्तान ने पहली क्राइम मीटिंग में पुलिस कर्मियों को सीख दी थी, उसे कोतवाली पुलिस तीन दिन में ही भूल गई। दरोगा ने ओवर स्पीड का आरोप लगाते कार चालक को एक मिठाई की दुकान के भीतर थप्पड़ जड़ दिया। इस पर कार सवार युवकों ने बखेड़ा कर दिया। पालिकाध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। इसके बाद पुलिस ने युवकों को जाने दिया।

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तीन दिन पहले कप्तान दलीप सिंह कुंवर ने पहली क्राइम मीटिंग लेते हुए कोतवाल, एसओ व दरोगाओं को ताकीद किया था कि हर किसी के साथ शिष्टाचार से पेश आएं। कार्रवाई करनी हो तो दृढ़ता के साथ करें, लेकिन ड्यूटी के वक्त शिष्टाचार का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। कोतवाली के दरोगा तीन दिन में ही कप्तान की सीख भूल गए। बात शनिवार देर शाम की है। बाराकोट के चार युवक कार पर सवार होकर टनकपुर की ओर से आ रहे थे। उनकी कार मुख्य बाजार स्थित पालिकाध्यक्ष प्रकाश तिवारी की दुकान के बाहर खड़ी थी। चालक मिठाई खरीद रहा था, जबकि तीन युवक कार में ही बैठे थे।

इतने में ही कोतवाली के एक दरोगा, पुलिस कर्मी के साथ कार के पास पहुंचे। उन्होंने कार सवारों से चालक के बारे में पूछा। बताया गया कि वह मिठाई खरीद रहा है। दरोगा ने आव देखा न ताव, चालक के यह कहते हुए थप्पड़ जड़ दिया कि वह ओवर स्पीड में कार चला रहा था।

इसके बाद कार सवार युवकों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया। तब दरोगा कहने लगा कि कार सवार चलती गाड़ी में बीयर पी रहे थे। युवकों का कहना था कि चालक ने नशा नहीं किया है। चाहें तो उसका मेडिकल करा लें। ओवर स्पीड थी तो पुलिस को गाड़ी का चालान करना चाहिए था। चालक से मारपीट करना गलत है। इसके बाद तो दरोगा का पारा चढ़ गया। उन्होंने पूरी गाड़ी व उसमें रखे बैगों की तलाशी भी ली। मौके पर मौजूद पालिकाध्यक्ष प्रकाश तिवारी ने मामले को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन दरोगा नहीं माने। तब तक कोतवाल आरएस टोलिया भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने भी कार की जांच की। पालिकाध्यक्ष व मौके पर मौजूद अन्य लोगों ने बताया कि दरोगा ने युवक को बेवजह थप्पड़ मारा। इस वजह से मामला उलझा है। इसके बाद कोतवाल ने युवकों को जाने दिया। बताते हैं कि दरोगा पर पहले भी लोगों से अभद्रता करने के आरोप लगते रहे हैं।


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