प्रदूषित पानी से महामारी की आशंका
लोहाघाट : अतिवृष्टि से पेयजल लाइनों के ध्वस्त होने से ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट पैदा हो गया है। कई जगह लोग तालाब एवं नालों से बह रहे बरसाती पानी को पीने को मजबूर हैं। कई पेयजल योजनाओं से गंदा व मटमैला पानी आ रहा है, जिससे संक्रामक रोग फैलने की आशंका पैदा हो गई है।
बाराकोट विकास के डोबाभागू, बमेड़ा व सेरी के लिए बनी भाटावन योजना पांच रोज पूर्व ध्वस्त होने से पेयजल का अभाव झेल रहे लोग बरसाती पानी से प्यास बुझा रहे हैं। ग्रामीण प्रह्लाद राम, गुमानी राम, हयात राम, दीपक तिवारी, बबलू तिवारी, पूर्णानंद तिवारी, बलदेव राम, प्रकाश राम, जोगाराम ने बताया किपेयजल लाइन ध्वस्त होने की सूचना तत्काल आपदा कंट्रोल रूम को दे दी गई थी, किंतु योजना को ठीक नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि ग्रामीण गाड़-गधेरों का प्रदूषित पानी पी रहे हैं। लोहाघाट ब्लाक के कोलीढेक के लिए मायावती से बनी पेयजल योजना भी पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। सरपंच मनोहर सिंह ढेक ने बताया कि पेयजल लाइन बहने के साथ योजना के स्रोत मलबे से ढक गया है। पानी न आने से लोग प्रदूषित पानी पी रहे हैं। उन्होंने जल संस्थान से शीघ्र पेयजल योजना को सुचारू करने की मांग की है। उधर सुई लिफ्ट योजना भी बरसात में जबाब दे गई है। पिछले पांच दिनों से पेयजलापूर्ति न होने के कारण लोग बूंद-बूंद पानी को मोहताज हैं। पूर्व ग्राम प्रधान शांति चतुर्वेदी ने बताया कि गुरुवार को आंशिक पेयजलापूर्ति की गई, किंतु पानी मिट्टी से सना हुआ होने के कारण पीने योग्य नहीं था। धर्मानंद चतुर्वेदी, गणेश दत्त चतुर्वेदी, गौरी शंकर पंत, कीर्ति चतुर्वेदी आदि ने जल संस्थान पर पानी फिल्टर न करने का आरोप लगाया है।