बदरीनाथ के पास हाथीपहाड़ पर जाम से यात्रियों की फजीहत
जोशीमठ के पास हाथीपहाड़ पर सड़क संकरी होने से प्रशासन ने यहां फौरी तौर पर वन वे व्यवस्था लागू कर दी है। इससे इस स्थान पर लंबा जाम लग रहा है। साथ ही यात्रियों की परेशानी बढ़ी है।
चमोली, [जेएनएन]: जोशीमठ के पास हाथीपहाड़ पर भले ही सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के जवानों ने मलबा हटाकर आने-जाने लायक मार्ग तो बना दिया, लेकिन एहतियात के तौर पर यहां वन-वे सिस्टम लागू किया गया है। इससे दोनों ओर करीब डेढ़-डेढ़ किलोमीटर तक जाम के हालात बन रहे हैं।
बीआरओ के कमांडर आर. सुब्रमण्यम ने बताया कि मार्ग संकरा होने के कारण वन-वे सिस्टम लागू किया गया है। इसके तहत बारी-बारी से बदरीनाथ और जोशीमठ की ओर से आने वाले वाहनों रवाना किया जा रहा है। बीआरओ कमांडर के अनुसार एक बार में बीस वाहनों को रवाना किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि मार्ग को चौड़ा करने के लिए रविवार को और मलबा हटाया जाना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण काम नहीं किया गया। सुब्रमण्यम ने उम्मीद जताई कि जल्द मार्ग को चौड़ा करने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रयास किया जाएगा इसका यात्रा पर असर न पड़े।
उधर, जोशीमठ के उप जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि वन-वे होने से यात्री वाहनों को इंतजार तो करना पड़ रहा है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से यह जरूरी है। गौरतलब है कि शनिवार को हाथीपहाड़ दरकने से बंद बदरीनाथ हाईवे पर 27 घंटे बाद यातायात बहाल किया जा सका।
15 हजार ने किए बदरी विशाल के दर्शन
रविवार को यातायात सुचारु होते ही बदरीनाथ में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ना शुरू हो गया है। रविवार को 14860 यात्रियों ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए। हाथीपहाड़ में हुए भूस्खलन को देखते हुए अधिकतर यात्री दर्शन के बाद वापस लौट रहे हैं।
ऋषिकेश में बसों का संकट
ऋषिकेश में बसों की किल्लत से चार धाम यात्री परेशान हैं। रविवार को करीब दो हजार यात्री बस अड्डे पर इंतजार करते रहे। इस पर प्रशासन ने कुमाऊं के अल्मोड़ा डिपो से सात और देहरादून से भी सात स्कूली बसें मंगाई। इसके बाद करीब आठ सौ यात्रियों को रवाना किया जा सका।
चार धाम यात्रा का संचालन करने वाली चार धाम संयुक्त रोटेशन समिति के अध्यक्ष सुधीर राय ने बताया कि रविवार को बदरीनाथ में फंसी बसें ऋषिकेश पहुंचने लगी हैं। इसके अलावा कुछ और बसें मंगाई गई हैं।
नौ घोडे-खच्चर संचालकों के लाइसेंस निरस्त
रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रियों से तय दरों से अधिक वसूलने पर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने नौ घोडा-खच्चर संचालकों के लाइसेंस निरस्त कर दिए। उन्होंने गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल मार्ग का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने होटल स्वामियों से रेट लिस्ट चस्पा करने को भी कहा।
जिलाधिकारी ने कहा कि यात्रियों से अच्छा व्यवहार करें, जिससे वह सकारात्मक संदेश के साथ वापस जाएं। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि यात्रा को लेकर उन्हें प्रतिदिन रिपोर्ट दी जाए।
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