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चमोली जिले में पेड़ वाले गुरुजी बिखेर रहे हैं हरियाली

चमोली जिले के पोखरी ब्‍लॉक स्थित राजकीय इंटर कॉलेज गोदली में नागरिक शास्त्र के प्रवक्ता नौनिहालों को जीवन तो समाज को पर्यावरण संरक्षण का पाठ पढ़ा रहे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 23 Apr 2017 12:30 PM (IST)Updated: Mon, 24 Apr 2017 05:00 AM (IST)
चमोली जिले में पेड़ वाले गुरुजी बिखेर रहे हैं हरियाली
चमोली जिले में पेड़ वाले गुरुजी बिखेर रहे हैं हरियाली

पोखरी, [राजेंद्र असवाल]: सीमांत चमोली जिले के पोखरी ब्‍लॉक स्थित राजकीय इंटर कॉलेज गोदली में नागरिक शास्त्र के प्रवक्ता धन सिंह घरिया नौनिहालों को जीवन तो समाज को पर्यावरण संरक्षण का पाठ पढ़ा रहे हैं। घरिया की इस अनूठी पहल का ही नतीजा है कि आज विद्यालय परिसर में 25 से अधिक प्रजाति के पेड़ों का खूबसूरत मिश्रित वन तैयार हो गया है। उनका अवकाश का समय भी इन पेड़ों की देखरेख में ही बीतता है। इसके अलावा पेड़ों की सुरक्षा के लिए उन्होंने स्वप्रयासों से दीवार भी खड़ी की है। 

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घरिया के प्रयास यहीं तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने छह किमी लंबे मसोली-कलसीर पैदल मार्ग के किनारे भी उन्होंने थुनेर, अंगू, पांगर, देवदार, सुराई, टेमरू आदि प्रजातियों के पेड़ लगाए हैं। ताकि भूस्खलन पर अंकुश लग सके। पेड़-पौधों में विशेष रुचि रखने के कारण क्षेत्र में लोग घरिया को 'पेड़ वाले गुरुजी' के नाम से पुकारते हैं। इसके अलावा कहीं जंगल में आग लगी देखते हैं तो तुरंत उसे बुझाने दौड़ पड़ते हैं

राइंका गोदली में घरिया की नियुक्ति वर्ष 2007 में हुई थी। तब से वे निरंतर इस अभियान में जुटे हैं। गर्मियों की छुट्टियों के दौरान वह बदरीनाथ धाम पहुंचकर वहां बिखरे पॉलीथिन कचरे की सफाई करते हैं। वर्ष 2014 में श्री नंदा देवी राजजात की समाप्ति के बाद उन्होंने वेदनी बुग्याल पहुंचकर स्वच्छता अभियान चलाया। इस दौरान उन्होंने स्वयं के खर्चे पर 15 क्विंटल कचरा एकत्रित किया।

बकौल घारिया, 'पेड़ लगाने की प्रेरणा मुझे चिपको नेत्री रैणी गांव की गौरा देवी से मिली। तब से पेड़-पौधे मेरे जीवन का हिस्सा बन चुके हैं। बीते एक दशक के दौरान मैं विभिन्न क्षेत्रों में 30 हजार से अधिक पेड़ लगा चुका हूं। यह सिलसिला जब तक जीवन है, निरंतर चलता रहेगा।

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