भूस्खलन रोकने को बनी दीवार गिरी, जांच
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: कोठियालसैंण में भूस्खलन रोकने के लिए बनाई गई नवनिर्मित दीवार ही बड़े भूस्खलन
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: कोठियालसैंण में भूस्खलन रोकने के लिए बनाई गई नवनिर्मित दीवार ही बड़े भूस्खलन का कारण बन गई है। लाखों रुपये से बनी इस दीवार के पहली बारिश में ही क्षतिग्रस्त होने से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की कार्यशैली को लेकर सवाल उठ रहे हैं। जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एडीएम के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है।
गौरतलब है कि कोठियालसैंण में चमोली गोपेश्वर मोटर मार्ग के ऊपर की ओर से भूस्खलन हो रहा था। भूस्खलन रोकने के लिए 2016 में राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने 2017 में इस पर दीवार निर्माण की कार्ययोजना बनाई। 9.50 लाख की लागत से दीवार निर्माण की निविदा भी ठेकेदार को आवंटित की गई। ठेकेदार ने जून माह में ही कार्य पूरा किया, लेकिन जुलाई में बारिश का सीजन में यह पुश्ता फटने लगा। एक सप्ताह पूर्व पुश्ता टूटने के बाद क्षेत्र में भूस्खलन का दायरा बढ़ गया है। इससे दर्जनों मकानों को खतरा है। ग्रामीण पन्नी लगाकर किसी तरह भूस्खलन रोकथाम में जुटे हुए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी आशीष जोशी ने निर्माण की उच्च स्तरीय जांच के निर्देश देते एडीएम के नेतृत्व में अधिशासी अभियंता लोनिवि व अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण की तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई है। एनएच का तर्क है कि उन्होंने अभी ठेकेदार का भुगतान नहीं किया है लिहाजा वित्तीय नुकसान सरकार को नहीं हुआ है। एनएच के अधिशासी अभियंता प्रवीन कुमार का कहना है कि दीवार निर्माण सड़क की सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि घर की सुरक्षा के लिए लगाई थी। दीवार निर्माण में 1:3 का स्लोप इंजीनिय¨रग तकनीकी के तहत होना चाहिए, लेकिन यह स्लोप दीवार में नहीं था। दीवार को लेकर अभी न तो स्वीकृति ही हुई है और न ही भुगतान ही ठेकेदार को हुआ है। ऐसे में वित्तीय अनियमितता जैसी बात गलत है।