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भारत-चीन सीमा पर चीनी सैनिकों की धमकी के बाद लौटे चरवाहे

भारत-चीन सीमा पर तनाव के चरवाहे अपनी भेड़-बकरियों के साथ समय से पहले ही लौट आए हैं। चीनी सैनिकों की तरफ से धमकाने के बाद आइटीबीपी ने इन चरवाहों को लौटने की सलाह दी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 17 Aug 2017 08:48 PM (IST)Updated: Fri, 18 Aug 2017 08:57 PM (IST)
भारत-चीन सीमा पर चीनी सैनिकों की धमकी के बाद लौटे चरवाहे
भारत-चीन सीमा पर चीनी सैनिकों की धमकी के बाद लौटे चरवाहे

जोशीमठ(चमोली), [जेएनएन]: चमोली जिले में भारत-चीन सीमा पर तनाव के चरवाहे इस बार अपनी भेड़-बकरियों के साथ समय से पहले ही जोशीमठ वापस लौट आए हैं। सूत्रों के अनुसार चीनी सैनिकों की तरफ से धमकाए जाने के बाद आइटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) ने इन चरवाहों को सीमा क्षेत्र से सुरक्षित वापस लौटने की सलाह दी है।

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 हालांकि, आधिकारिक तौर पर कोई भी इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है। जिला प्रशासन पूरे प्रकरण से अनभिज्ञता जता रहा है। जोशीमठ के एसडीएम योगेंद्र जोशी ने बताया कि हर साल चरवाहों को सीमावर्ती क्षेत्रों में जाने की अनुमति दी जाती है। इस बार 51 चरवाहों को अनुमति दी गई थी। हालांकि, सीमावर्ती क्षेत्र से चरवाहे लौट रहे हैं या नहीं, उन्हें इस बारे में सूचना नहीं है।

सीमांत चमोली जिले के नीती-माणा पास स्थित चीन सीमा से लगे क्षेत्रों में चरवाहे प्रतिवर्ष अपनी भेड़-बकरियों के साथ प्रवास करते हैं। अप्रैल-मई में गर्मी शुरू होते ही चरवाहे बुग्यालों (मखमली घास के मैदान) की ओर चले जाते हैं और सितंबर में सर्दियां शुरू होने पर ही वापस लौटते हैं। लेकिन, इस बार वे अगस्त में ही सीमावर्ती क्षेत्रों से नीचे की ओर आने शुरू हो गए हैं। 

इसके पीछे चीन सीमा पर बनी तनातनी की स्थिति को कारण माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले चीनी सैनिकों ने बाड़ाहोती इलाके में कुछ चरवाहों को न केवल धमकाया, बल्कि कुछ के तंबू भी उखाड़ दिए थे। यद्यपि चरवाहे सीधे तौर पर इस बारे में कुछ नहीं कह रहे, लेकिन उन्होंने सीमा क्षेत्र तनातनी की बात स्वीकारी। 

पैनी गांव के राजेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि वे वर्षों से भेड़-बकरियों के साथ सीमा क्षेत्र की आवाजाही करते आ रहे हैं। इस वर्ष भी वे बकरियों को बाड़ाहोती क्षेत्र में ले गए थे। लेकिन, सीमा पर तनातनी की स्थिति देख उन्हें वापस लौटना पड़ा। राजेंद्र के अनुसार इस बार सीमा पार काफी हलचल देखी जा रही है। सीमा पार से चीनी सैनिकों ने उन्हें बुग्याल से बाड़ाहोती नाले के पार जाने का इशारा भी किया।

सलूड़ डुंग्रा गांव के दिनेश कुंवर का कहना है कि सीमावर्ती क्षेत्र में संचार साधन न होने के कारण ग्रामीणों को देश-दुनिया की खबर नहीं रहती है। लेकिन, सीमा पर हलचल से आभास हुआ कि सब-कुछ ठीक नहीं चल रहा है। उधर, चमोली के जिलाधिकारी आशीष जोशी ने इस तरह की किसी भी घटना की जानकारी होने से अनभिज्ञता जताई है। हालांकि, उन्होंने इस बारे जानकारी जुटाने की बात कही।

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