फर्जी मुहर पर फलदार पौधे आवंटित
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: उद्यान विभाग की ओर से संचालित वृहद वृक्षारोपण योजना में एक ग्राम प्रधान ने फर्जीबाड़े का आरोप लगाया है। आरोप है कि विभाग ने ग्राम प्रधान की फर्जी मुहर पर फलदार वृक्षों की पौध आवंटित कर दी। खुलासे के बाद उद्यान अधिकारी अलग अलग बयान देकर मामला टालने की कोशिश कर रहे हैं।
चमोली जिले के काश्तकारों को फलोत्पादन से जोड़ने के लिए उद्यान विभाग ने वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम संचालित किया है। कार्यक्रम के तहत भूमि की उपलब्धता पर प्रत्येक काश्तकार को तीन फल के वृक्ष की पौध देने का प्राविधान है। हालांकि प्रचार प्रसार न होने से काश्तकारों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। लेकिन, जिस प्रकार विभाग की ओर से एक ग्राम प्रधान की फर्जी मुहर पर ऊंची कीमतों पर मिलने वाले लीची, आम व अमरूद की पौध आवंटित की है, उससे इस योजना के क्रियान्वयन पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं।
दशोली विकासखंड के डुंग्री गांव की प्रधान सतेश्वरी देवी वृहद वृक्षारोपण योजना के तहत फलदार वृक्षों की पौध लेने के लिए शुक्रवार को उद्यान विभाग में आई थी। ग्राम प्रधान के पैरों तले जमीन उस समय खिसक गई जब उद्यान विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि उनके नाम पर पहले ही फलदार पौध आवंटित कर दी गई है। ग्राम प्रधान ने जानकारी मांगनी चाही तो उन्हें उद्यान विभाग ने जो पत्र दिया उसमें ग्राम प्रधान की गोल मुहर के बजाय लंबी मुहर व फर्जी हस्ताक्षर पर पौध लेने की रिसीविंग मिली। पौध कौन ले गया उसके नाम का जिक्र न तो इस कागज में है और न ही उद्यान विभाग के रजिस्टर में। आक्रोशित ग्राम प्रधान ने उद्यान विभाग से इस संबंध में कार्रवाई की मांग की है।
इस मामले में जिला उद्यान अधिकारी के बयान भी संदिग्ध हैं। पूछे जाने पर पहले तो जिला उद्यान अधिकारी ने साफ कहा कि उद्यान विभाग से ग्राम प्रधान की फर्जी मुहर पर पौधे आवंटित हुए ही नहीं हैं। जब उन्हें ग्राम प्रधान की फर्जी मुहर वाला पत्र दिखाया तब उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जाएगी। ग्राम प्रधान संगठन दशोली के महामंत्री हरेंद्र सिंह राणा ने इस मामले में जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।