महिलाओं को भी दिया सम्मान
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : जोशीमठ विकासखंड में क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने राजनीतिक विचारधारा की प्रतिबद्धता से हटकर निर्विरोध निर्वाचन कर नई पहल की है, वह पंचायत चुनाव में धनबल के दौर में एक सकारात्मक पहल है। खास बात तो यह है कि आरक्षण न होने के बाद भी ज्येष्ठ प्रमुख जनजाति व कनिष्ठ प्रमुख अनुसूचित जाति महिलाओं को बनाकर महिलाओं को सम्मान दिया गया। सदस्यों ने सर्वागीण विकास व एकजुटता का नारा देकर निर्वाचन की घोषणा के बाद संयुक्त विजय जुलूस भी निकाला।
तिब्बत सीमा से लगे सीमांत विकासखंड जोशीमठ में उत्तराखंड बनने के बाद पहली बार ब्लाक प्रमुख सहित सभी पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ है। 23 सदस्यीय इस सीमांत विकासखंड में हालांकि ब्लाक प्रमुख पद पर दो प्रत्याशी मैदान में थे। प्रबुद्ध लोगों की पहल पर प्रत्याशियों व सदस्यों ने मिलकर जोशीमठ विकासखंड के विकास को लेकर एक मंच पर आकर विचार साझा किए। यही कारण रहा कि अध्यक्ष पद पर सदस्यों ने निर्वाचन प्रक्रिया से हटकर एक प्रत्याशी का चयन कर निर्विरोध निर्वाचन की राह आसान की। ब्लाक प्रमुख पद पर प्रकाश रावत व संग्राम सिंह आमने सामने थे। अपने अपने पक्ष में सदस्यों को भी लामबंद किया जा रहा था। इस दौरान क्षेत्र पंचायत सदस्यों को एक मंच पर लाकर अध्यक्ष पद के दोनों प्रत्याशियों के विचार साझा किए गए थे। इस दौरान सदस्यों की राय को भी मानते हुए प्रमुख पद के उम्मीदवार संग्राम सिंह ने नाम वापस लेकर विरोधी प्रत्याशी के निर्विरोध निर्वाचन की राह प्रशस्त की। वहीं महिलाओं को भी सम्मान देकर ज्येष्ठ प्रमुख पद पर जनजाति की महिला तथा कनिष्ठ प्रमुख पद पर अनुसूचित जाति की महिला को भी निर्विरोध निर्वाचित किया गया है। रविवार को विकासखंड जोशीमठ में ब्लाक प्रमुख प्रकाश रावत सहित ज्येष्ठ प्रमुख व कनिष्ठ प्रमुख के निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा की गई तो सदस्यों ने मिलकर नगर में विजय जुलूस निकाला है। ब्लाक प्रमुख प्रकाश रावत का कहना है कि यह पहल सिर्फ चुनावों तक ही नहीं है बल्कि सदस्यों की राय के अनुसार ही सदन चलाया जाएगा। वहीं ब्लाक प्रमुख पद पर नाम वापस लेने वाले संग्राम सिंह का कहना है कि विकास के मुद्दे पर समर्थन दिया है।