मरहम के बजाय, कुरेद रहे जख्म
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : आपदा के जख्मों पर सरकार के मरहम लगाने की मंशा काम कर रही हो, लेकिन कार्यदाई
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : आपदा के जख्मों पर सरकार के मरहम लगाने की मंशा काम कर रही हो, लेकिन कार्यदाई संस्थाएं आपदा पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रही हैं। तेफना गांव में सिंचाई विभाग ने गदेरे की सफाई क्या की, गदेरे का रुख गांव की ओर मुड़ गया। ऐसे में सिंचाई विभाग समस्याओं से निपटने के बजाय पीड़ितों के जख्म कुरेद गया।
कर्णप्रयाग के तेफना गांव के बांतोली तेफना गदेरे में जल निकासी के लिए व्यवस्था व सुरक्षा दीवार निर्माण का काम प्रस्तावित किया गया था। जो आज तक स्वीकृत नहीं हो पाया। प्रशासन ने अस्थाई व्यवस्था के रूप में 15 लाख रुपये गदेरे से मलबा हटाने के लिए सिंचाई विभाग को दिए। लेकिन, विभाग ने दो दिन जेसीबी लगाकर आधा अधूरा काम कर कर्त्तव्यों की इतिश्री कर दी। 2013 में आपदा के दौरान बांतोली गदेरे में बादल फटने से तेफना गांव में भारी तबाही हुई थी। यहां तीन लोगों की मौत हो गई थी जबकि तीन दर्जन से अधिक मकान बह गए थे। तब से अब तक लंबा समय बीत गया है, लेकिन तेफना गदेरे में ट्रीटमेंट के नाम पर सिर्फ फाइलें ही दौड़ाई गई हैं। गदेरे का रुख बस्तियों की ओर होने से इसके ट्रीटमेंट के लिए सुरक्षा दीवार निर्माण प्रस्तावित किया गया था। सिंचाई विभाग ने चार करोड़ का आंगणन शासन को भेजा था। जो स्वीकृत होकर नहीं आया। इस वर्ष बारिश के दौरान गदेरे का पानी बस्तियों में घुसने की समस्या को देखते हुए प्रशासन ने आपदा मद से 15 लाख रुपये अस्थाई ट्रीटमेंट के लिए सिंचाई विभाग को दिए थे। इससे गदेरे में जमा मलबा हटाकर बस्तियों को सुरक्षित करना था। लेकिन, सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने दो दिन जेसीबी चलाकर अपने कर्त्तव्यों की इतिश्री कर दी। जितना काम हुआ भी वह भी गांवों को आफत में ही डाल रहा है। हालत यह है कि सड़क के आसपास मलबा खोदकर जगह जगह जमा कर दिया गया। इससे बारिश के दौरान गदेरे में पानी बढ़ने से घरों व बस्तियों की ओर कटाव हो रहा है। कर्णप्रयाग के विधायक व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. अनुसूया प्रसाद मैखुरी का कहना है कि मेरी ओर से अस्थाई ट्रीटमेंट व पानी निकासी के लिए धनराशि स्वीकृत कराई गई थी। मामले में आधा अधूरा कार्य किया जाना गंभीर है। उधर, कर्णप्रयाग की एसडीएम कुसुम चौहान ने कहा कि तेफना गदेरे में मलबा हटाने के काम में हुई अनियमितता की जांच कराई जाएगी। सिंचाई विभाग का पक्ष जानने के लिए कर्णप्रयाग स्थित विभाग के सहायक अभियंता को कई बार दूरभाष से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।