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मकर संक्रांति पर खुले आदिबदरी मंदिर के कपाट

मकर संक्रांति पर ब्रह्ममुर्हूत में मंदिर के पुजारी ने भगवान विष्णु का पूजन व श्रृंगार किया। इसके बाद आदिबदरीधाम मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनाथ खोल दिए गए।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 14 Jan 2017 09:08 AM (IST)Updated: Sun, 15 Jan 2017 07:00 AM (IST)
मकर संक्रांति पर खुले आदिबदरी मंदिर के कपाट
मकर संक्रांति पर खुले आदिबदरी मंदिर के कपाट

कर्णप्रयाग, [जेएनएन]: शनिवार सुबह मकर संक्रांति पर आदिबदरीधाम मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनाथ खोल दिए गए। शुक्रवार को मंदिर समिति पदाधिकारियों, स्थानीय शिक्षण संस्था के नौनिहालों सहित समीपवर्ती गांव थापली, जैम, जुलगढ़, भल्सों के ग्रामीणों ने मंदिर की गेंदे के फूलों से साज-सज्जा कर अनुष्ठानिक मंडप तैयार किया।

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मंदिर समिति अध्यक्ष विजयेश नवानी ने बताया कि मकर संक्रांति पर ब्रह्ममुर्हूत में मंदिर के पुजारी ने भगवान विष्णु का पूजन व श्रृंगार किया। इसके उपरांत 4.30 बजे मंदिर के कपाट खोल दिए गए। इस दौरान मंदिर प्रांगण में नौ दिवसीय देवी भागवत कथा का शुभारंभ भी होगा।

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उधर, सिमली स्थित पौराणिक चंडिका देवी मंदिर के कपाट पूजा-अर्चना के साथ पखवाड़ेभर के लिए मकर संक्रांति पर बंद हो गए। मंदिर के पुजारी हरिकृष्ण गैरोला ने बताया कि परंपरा के अनुसार 15 दिन बाद कपाट खोले जाएंगे।

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