बिजली नहीं, आश्वासनों से रोशन कई गांव
जागरण प्रतिनिधि, गोपेश्वर: चमोली जिले कई गांवों ऊर्जा निगम के आश्वासनों की रोशनी से ही जगमगा रहे हैं। दो माह से खराब पड़े ट्रांसफार्मर को ठीक कराने के बजाय विभाग केवल आश्वासन थमा रहा है। ऊर्जा निगम की लापरवाही के जीते जागते उदाहरण हैं स्यूंण, लुदाऊं व खैन्युरी गांव। इन गांवों में दो महीने से लोग बिजली के दर्शन को तरस रहे हैं।
दशोली विकास खंड के सुदूरवर्ती गांव स्यूंण और लुदाऊं मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर हैं। इन दोनो गांवों में 80 परिवार निवास करते हैं। जुलाई माह में स्यूंण स्थित ट्रांसफार्मर खराब हो गया था। दोनों गांवों के लोगों ने ऊर्जा निगम के दफ्तर पहुंचकर ट्रांसफार्मर बदलने की मांग की। दो माह पूर्व ही ऊर्जा निगम ने ग्रामीणों को जल्द ट्रांसफार्मर बदलकर गांव में अंधेरा दूर करने का आश्वासन दिया, लेकिन दो महीने बीतने के बाद भी इन गांव में बिजल आपूर्ति सुचारु नहीं हो पाई।
इतना ही नहीं सुदूर गांव के साथ ही ऊर्जा निगम की लापरवाही के चलते सड़क से सटे गांव भी अंधेरे में हैं। दशोली ब्लाक का ही खैन्युरी गांव में दो सितंबर को आकाशीय बिजली गिरने के बाद से ट्रांसफार्मर खराब है। इस गांव में भी आज तक ऊर्जा निगम ट्रांसफार्मर नहीं पहुंचा पाया है। ऊर्जा निगम की लापरवाही पर ग्रामीणों में रोष है।
दो माह पूर्व गांव का ट्रांसफार्मर फुंक गया था। लगातार विभाग के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन आज तक गांव में ट्रांसफार्मर नहीं पहुंचा। इससे स्यूंण व लुदाऊं के 80 परिवार दो माह से अंधेरे में रातें काट रहे हैं।
रविंद्र नेगी, ग्रामीण स्यूंण
दो सितंबर को बिजली गिरने से ट्रांसफार्मर खाक हो गया। विभाग से ट्रांसफार्मर बदलने की मांग की गई, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई।
पार्वती देवी, ग्राम प्रधान खैन्युरी
स्यूंण गांव में 25 केवी का ट्रांसफार्मर लगना था। सड़क से दूरी ज्यादा है इसलिए वहां 16 केवी के दो ट्रांसफार्मर भेजे जाने हैं। खैन्युरी गांव में भी ट्रांसफार्मर भेजने की प्रक्रिया चल रही है।
वीरेंद्र सिंह पंवार, अधिशासी अभियंता ऊर्जा निगम गोपेश्वर, चमोली
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