Move to Jagran APP

उद्यान सचल भवन के हाल बुरे

राजेन्द्र असवाल, पोखरी विकास खंड पोखरी की स्थापना के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रो को उद्यानीकरण से जोड़

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jun 2017 01:01 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 01:01 AM (IST)
उद्यान सचल भवन के हाल बुरे
उद्यान सचल भवन के हाल बुरे

राजेन्द्र असवाल, पोखरी

loksabha election banner

विकास खंड पोखरी की स्थापना के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रो को उद्यानीकरण से जोड़ने के लिए उद्यान सचलदल कार्यालय खोला था, इसमे किसानों के लिए सब्जियों के बीज, फल पौध एवं खाद्य,कीटनाशक और फल पौधों की छटाई के लिए आधुनिक औजार सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जाते थे, लेकिन 24 फरवरी 1960 में बने इस भवन के हालात अब बिना देखरेख के जीर्णशीर्ण हो गया है।

हालांकि इस भवन का संचालन सचलदल जिला उद्यान अधिकारी के अंडर में होता है, और उद्यान तकनीकि मिशन के तहत काश्तकारों को कई सुविधाएं दी गई है। इसमें बागवानी के एकीकृत विकास हेतु यह परियोजना भारत सरकार के वित्तीय सहयोग से संचालित की जाने वाली परियोजना है। उद्यान सचलदल को चलाने के लिए एक पद वरिष्ठ उद्यान विशेषज्ञ, एक पद पर्यवेक्षक छ: पद माली के स्वीकृत है, लेकिन वर्तमान में माली के छ: पदो के सापेक्ष दो ही पदो पर माली तैनात हैं। और विभाग की ओर से कार्यालय भवन सहित गोदाम एवं इंचार्ज निवास और मालियों के लिए आवास बने थे। इस वजह कई वर्षो से यह भवन बदहाल है। भवन में ऑफिस व गोदाम की दीवारें फट गई हैं। बारिश आते ही सारा पानी अंदर टपक जाता है। यह भवन कभी भी कर्मचारियों की जान पर भारी पड़ सकता है। वही इनके निवास अन्दर से खंडहर हो चुके हैं। केवल क्षत पर जीआइसीट देखी जा सकती हैं। वरिष्ठ उद्यान विशेषज्ञ शंकर सिंह रावत ने बताया कि उद्यान विभाग के इन भवनों के निर्माण के लिए समय-समय पर इस्टीमेंट उच्च अधिकारियों को भेजे गए हैं, लेकिन अभी तक स्वीकृति नही मिली है। जिला मुख्य उद्यान अधिकारी एसएन शाह गोपेश्वर का कहना है कि उद्यान सचलदल केंद्र के भवन जीर्णशीर्ण स्थिति में हैं,पुनर्निर्माण के लिए पूर्व में 42:00लाख का इस्टीमेट बनाकर शासन को भेजा गया था,जो कि रिवाइज के लिए वापस आया और अब आरइएस को इस्टीमेट बनाने के लिए दिया गया है। स्वीकृति उपरान्त ही भवनो व चार दीवारी का निर्माण करवाया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.