चार दशक बाद मिला आशियाना
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : आखिरकार चार दशक बाद अग्निशमन विभाग को आशियाना मिल ही गया है। जिला मुख्यालय
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : आखिरकार चार दशक बाद अग्निशमन विभाग को आशियाना मिल ही गया है। जिला मुख्यालय गोपेश्वर के जीरोबैंड में 70 लाख की लागत से अग्निशमन विभाग के कार्यालय भवन का निर्माण पूरा होने के बाद इस पर विधिवत रूप से कार्यालय का संचालन प्रारंभ हो गया है।
चमोली जिले में वर्ष 1977 में अग्निशमन विभाग का कार्यालय खोला गया था। तब विभाग का अपना भवन न होने के कारण कुंड कालोनी स्थित पुलिस विभाग के भवन के एक कमरे पर अग्निशमन विभाग के कार्यालय का संचालन प्रारंभ किया गया। वर्ष 1977 में ही गोपेश्वर में अग्निशमन विभाग के कार्यालय की स्वीकृति सरकार द्वारा दी गई। परंतु तीन दशक तक भवन निर्माण के लिए मुख्यालय द्वारा वित्तीय स्वीकृति ही नहीं दी गई। यही वजह है कि पुलिस विभाग के जिस भवन पर अग्निशमन विभाग का कार्यालय संचालित हो रहा था वह धीरे धीरे खंडहर में तब्दील हो रहा था। कई बार पत्राचार करने के बाद भी मुख्यालय से भवन निर्माण के लिए धनराशि आवंटित नहीं की गई। वर्ष 2007-08 में मुख्यालय से भवन निर्माण के लिए अग्निशमन कार्यालय को 15 लाख रुपये आवंटित किए गए, परंतु यह राशि ऊंट के मुंह में जीरे के समान थी। हालांकि कम राशि में ही विभाग ने जीरोबैंड के समीप भवन निर्माण शुरू कराया। भवन निर्माण की लागत तब 43.56 लाख आ रही थी। पूरी धनराशि न मिलने के चलते आधा अधूरा भवन बनाकर ठेकेदार ने भी कार्य बंद कर दिया। वर्ष 2010 में आधे अधूरे भवन के अंदर मजदूरों ने अपना आसरा बना दिया था। भूस्खलन के चलते उस दौरान यहां रह रहे दो मजदूरों की मौत भी हो गई थी। वर्ष 2015 में मुख्यालय से 65.29 लाख की धनराशि विभाग को आवंटित की गई। इस राशि में अब भवन का निर्माण पूरा होने के बाद अग्निशमन विभाग के कार्यालय का संचालन प्रारंभ हो गया है। जिला अग्निशमन अधिकारी अर्जुन ¨सह रांगड़ ने बताया कि अब विभाग को अपना भवन मिल गया है। उन्होंने बताया कि नये भवन पर विभागीय कामकाज भी शुरू कर दिया गया है।