शहीदों के स्मारकों का होगा नव निर्माण
संवाद सूत्र, देवाल: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सवाड़ गांव बीरों की भूमि है। इसलिए प्रथम विश्व यु
संवाद सूत्र, देवाल: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सवाड़ गांव बीरों की भूमि है। इसलिए प्रथम विश्व युद्ध में 22 सैनिकों ने प्राणों की आहुति देकर आनबान और शान की रक्षा की है। उन्होंनें कहा कि सच्चे मायने तब ही उनके सपने साकार होंगे जब हम उनके आदर्श पर चलें।
बुधवार को शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सैनिकों का गौरव व पहाड़ की सांस्कृतिक परंपरा को बनाए रखना होगा। सवाड़ गांव वीरों की भूमि रही है। यहां के वीरों ने हर बार देश का नाम ऊंचा किया है। उन्होंने घोषणा की कि सवाड़ गांव में शहीदों के स्मारकों का नव निर्माण किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने तीन लाख रुपये देने की घोषणा की। देवाल पहुंचे सीएम को सवाड़ मंडुवे की रोटी व हरी सब्जी खाकर बचपन के दिनों को याद किया।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि 2020 तक प्रत्येक घर के सदस्य को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। हरगांव को सड़क से जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवाल सवाड़ मोटर मार्ग के डामरीकरण के लिए शासनादेश जारी कर दिया गया है। सवाड़ प्रावि को मॉडल स्कूल की घोषणा भी सीएम ने इस मौके पर की। उन्होंने विद्यालय क्रीड़ा मैदान के विस्तारीकरण के लिए धन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवाल उप तहसील का शासनादेश जारी कर दिया गया है। तहसील निर्माण की कार्रवाई गतिमान है। उन्होंने कहा कि चमोली जिले में सबसे अधिक विकास ¨पडर घाटी का हुआ है। ग्वीला कलपटा सड़क को तत्काल स्वीकृत करने का आश्वासन, देवाल विकासखंड को जड़ी बूटी ब्लाक बनाकर इसका केंद्र घेस बनाने की बात भी कही। सीएम ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच हजार व सामूहिक खेती करने वालों को एक लाख रुपया दिया जाएगा। कहा कि मंडुवा 50 रुपये किलो कर दिया गया है। बिच्छू घास, भांग, भीमल के रेसों से वस्त्रों का निर्माण कर भी अपनी आर्थिकी लोग मजबूत कर सकते हैं। इस मौके पर थराली के विधायक प्रो.जीतराम ने मुख्यमंत्री से देवाल को तहसील का दर्जा देने की मांग की। उन्होंने खेता, तोर्ती के लिए सड़क निर्माण की मांग भी की। अध्यापक दर्शन धपोला की किताब बाल रंग का विमोचन भी किया गया। यूनिस भरारी के बच्चों व महिला मंगल दलों ने चांचड़ी प्रस्तुत की। इस अवसर पर ब्लॉक प्रमुख उर्मिला बिष्ट, मेला कमेटी के अध्यक्ष गोपाल ¨सह बिष्ट, संस्थापक इंद्र ¨सह बिष्ट, प्रधान देवकी देवी, लखन रावत, महावीर बिष्ट समेत कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए।