जिलाधिकारी कार्यालय पर गरजे उर्गम घाटी के ग्रामीण
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: टीएचडीसी की विष्णुगाड़ पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना के अंतर्गत आने वाले उर्
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर:
टीएचडीसी की विष्णुगाड़ पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना के अंतर्गत आने वाले उर्गम घाटी के सभी गांवों को प्रभावित घोषित न करने पर ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। उन्होंने टीएचडीसी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग भी की।
ग्रामीणों का कहना है कि टीएचडीसी की विष्णुगाड़ पीपलकोटी परियोजना से उर्गम घाटी के उर्गम, देवग्राम, ल्यारी, थौंणा, भर्की व भेंटा गांव प्रभावित हो रहे हैं। परियोजना निर्माण से इन गांवों की 5.08 हेक्टेयर भूमि अधिगृहीत
हुई है। परंतु चारापत्ती व सामाजिक कार्यों के क्रियान्वयन लाभ को लेकर टीएचडीसी इन गांवों को प्रभावित नहीं मान रही है। ग्रामीणों ने कहा कि कल्प क्षेत्र उर्गम घाटी की जनता लंबे समय से मोटर मार्ग की मांग कर रही है। परंतु शासन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। ल्यारी से कल्पेश्वर तक सड़क पीएमजीएसवाई में स्वीकृत है। परंतु मोटर मार्ग का कार्य अभी प्रारंभ नहीं हुआ है। हेलंग उर्गम के सलना से भेंटा चक उर्गत, भर्की चक उर्गम गीरा बांसा प्रधानमंत्री सड़क योजना पर वन हस्तांतरण की कार्रवाई ही पूरी नहीं हो पाई है। उर्गम डुमक पीएमजीएसवाई सड़क पर भी वन भूमि हस्तांतरण का मामला अटका हुआ है। जिससे दर्जनों गांवों को यातायात सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। राइंका उर्गम में स्थाई प्रधानाचार्य, इंटर स्तर पर विज्ञान संकाय का संचालन करने, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उर्गम में सफाई कर्मचारी व महिला चिकित्सक की तैनाती, बीएसएनएल व अन्य निजी कंपनियों के टेलीफोन टावर लगाने, राष्ट्रीयकृत बैंक शाखा खोलने, आपदा प्रभावित गांवों का विस्थापन,कल्पगंगा पर गार्डर पुल निर्माण की मांग भी ग्रामीणों ने की है। इस अवसर पर ग्राम प्रधान लक्ष्मण ¨सह नेगी, पूर्णी देवी, नर्वदा देवी, सरस्वती देवी, सतीश चंद्र, धर्मपाल, जगत ¨सह, देवेश्वरी देवी, राजेंद्र ¨सह, दुलप ¨सह रावत, भगवती प्रसाद सेमवाल समेत कई ग्रामीण शामिल थे।