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टैंक से नहीं जुड़ी मेन लाइन

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : बहुचर्चित अमृतगंगा पेयजल योजना एक बार फिर से चर्चा में है। 2001 में स्वीकृत

By Edited By: Published: Mon, 25 Jul 2016 08:09 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jul 2016 08:09 PM (IST)
टैंक से नहीं जुड़ी मेन लाइन

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : बहुचर्चित अमृतगंगा पेयजल योजना एक बार फिर से चर्चा में है। 2001 में स्वीकृत इस पेयजल योजना पर पेयजल निगम ने गोपेश्वर तक मुख्य लाइन बिछाकर पानी जल संस्थान की लाइनों पर तो जोड़ दिया है, मगर मुख्य स्त्रोत पर दो माह पूर्व बने फिल्टर टैंक से मुख्य लाइन को अभी तक नहीं जोड़ा गया है। लिहाजा नागरिकों को कभी पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है तो कभी दूषित पानी पीना पड़ता है।

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वर्ष 2001 में गोपेश्वर नगर की आबादी व विस्तार को देखते हुए सरकार ने सिरोली गांव के ऊपर 13 किमी लंबी अमृतगंगा पेयजल योजना को स्वीकृति देते हुए 756 लाख रुपये स्वीकृत किए थे। वर्ष 2006 में इस पेयजल योजना पर निर्माण प्रारंभ किया गया जो आज तक पूरा नहीं हो पाया है। 2014-15 में निर्माण एजेंसी पेयजल निगम ने इस योजना की मुख्य लाइन का निर्माण कर जल संस्थान के कनेक्शनों से पानी का वितरण शुरू किया। तब लोगों को आशा थी कि अब पेयजल किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा और कुछ दिनों तक घरों में ठीकठाक पानी आया भी। परंतु पानी के साथ खर पतवार, कूड़ा व कीड़े आना अब आम बात हो गई। यह समस्या इसलिए आई क्योंकि मुख्य लाइन जल संस्थान की लाइन पर जोड़ने के बाद पेयजल निगम ने मुख्य स्त्रोत पर फिल्टर टैंक का निर्माण ही नहीं किया। अब दो माह पूर्व पेयजल निगम फिल्टर टैंक का निर्माण भी पूरा कर चुका है, मगर इसे मुख्य लाइन से अभी नहीं जोड़ा जा सका है। ऐसे में बरसात के दौरान कभी योजना के पाइपों पर पत्थर फंसने से पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है तो कभी गंदा व दूषित पानी उपभोक्ताओं को पीना पड़ रहा है। इस पेयजल योजना का निर्माण 756 लाख में होना था, मगर पेयजल निगम अभी तक इस योजना पर 14 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है।

जल निगम की सहायक अभियंता बबीता ¨सह का कहना है कि फिल्टर टैंक बन चुका है। इस पर पेयजल लाइन को जोड़ना बाकी है। उनका तर्क है कि लगातार बारिश होने के कारण फिल्टर टैंक से मुख्य लाइन को नहीं जोड़ा जा सका है।

34 किमी वितरण लाइन का काम शुरू ही नहीं

-अमृतगंगा पेयजल योजना पर अभी नगर में 34 किमी वितरण लाइन का काम होना बाकी है। पेयजल निगम का कहना है कि वितरण लाइन निर्माण के लिए निदेशालय से बजट मांगा गया है। बजट के अभाव में अभी तक वितरण लाइन का कार्य शुरू नहीं हो पाया है।

ट्रीटमेंट प्लांट भी प्रस्तावित

-अमृतगंगा पेयजल योजना का ट्रीटमेंट प्लांट भी फाइलों में धूल फांक रहा है। जल निगम की ओर से ट्रीटमेंट प्लांट के लिए पाइका योजना में प्रस्ताव भेजा है। मगर एक वर्ष पूर्व भेजा गया प्रस्ताव अभी तक वापस नहीं लौट पाया है जिससे ट्रीटमेंट प्लांट का सपना अभी साकार होता नहीं दिख रहा है।


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