बरामदे में बुन रहे भविष्य के सपने
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: नौ साल बाद भी राजकीय इंटर कालेज बैरासकुंड का भवन नहीं बन पाया है, जिसके चल
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर:
नौ साल बाद भी राजकीय इंटर कालेज बैरासकुंड का भवन नहीं बन पाया है, जिसके चलते छात्र-छात्राओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वह बरामदे में बैठकर अपने भविष्य के सपने बुनने को मजबूर हैं।
वर्ष 2007 जूनियर हाईस्कूल को उच्चीकृत कर इंटर कालेज बनाया गया।
इंटर कालेज का भवन के लिए जूनियर हाईस्कूल के बगल वाली भूमि का चयन किया गया। दोमंजिला कालेज भवन के निर्माण के लिए 93.95 लाख रुपए स्वीकृत हुए। निर्माण का जिम्मा उत्तर प्रदेश निर्माण निगम को मिला। निगम ने कालेज भवन का निर्माण शुरु किया। लेकिन 2009 में बंद कर दिया। ग्रामीणों ने आंदोलन शुरु कर दिया। वर्ष 2015 में निर्माण निगम ने फिर से 65 लाख का पुनरीक्षित आंगणन शासन को भेज दिया। लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिल पाई है। वहीं जूनियर हाईस्कूल में कक्षा नौ से बारहवीं तक कक्षाएं बरामदें में संचालित हो रही है। बरसात के दिनों में बरामदें में पानी घुस जाता है। जिसके चलते कालेज को कई बार बंद करना पड़ता है।
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधी
मटई घाट के क्षेत्र पंचायत सदस्य दिलवर सिंह राणा का कहना है कि बैरासकुंड इंटर कालेज भवन के निर्माण का जिम्मा यूपी निर्माण निगम को सौंपा जाना दुर्भाग्यपूर्ण साबित हुआ है। इसके साथ राजकीय इंटर कालेज कनोल, भेंटी, सुंग, ल्वाणी, मथकोट, पेरी, लाखीं में भी इन्हीं मानकों के अनुसार 93 लाख में इंटर कालेज भवन निर्माण का कार्य लोनिवि आरईएस सहित अन्य निर्माण एजेंसियों को सौंपा गया था। भवन तय समय पर स्वीकृत धनराशि में ही बनकर तैयार हो गए हैं। यूपी निर्माण निगम भवन का निर्माण क्यों नहीं करा पाया। यह गले नहीं उतर रहा है।
क्या कहते अधिकारी
बैरासकुंड इंटर कालेज भवन निर्माण को लेकर शिकायत मिली है। मेरे द्वारा मुख्य शिक्षा अधिकारी को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
विनोद कुमार सुमन, जिलाधिकारी