भावी इंजीनियरों के भविष्य के साथ बड़ा खिलवाड़
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज में तकनीकी शिक्षा का मखौल उड़ाया जा रहा है। इसी के सा
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज में तकनीकी शिक्षा का मखौल उड़ाया जा रहा है। इसी के साथ तकनीकी शिक्षा के नाम पर छात्रों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। अगले महीने सिविल और मैकेनिकल इंजीनिय¨रग पाठ्यक्रम के पेपर की तैयारी के लिए 120 छात्रों को 130 किमी श्रीनगर भेज दिया गया है। इतने कम समय में छात्र पेपर की तैयारी कैसे कर पाएंगे, यह अहम सवाल न ही शासन-प्रशासन को और नहीं कॉलेज प्रबंधन को साल रहा है।
जिला मुख्यालय गोपेश्वर से तीन किमी की दूरी पर रौली ग्वाड़ में वर्ष 2005-06 में महिला पालीटेक्निक खोला गया था। संस्थान में सिविल व मैकेनिकल इंजीनिय¨रग और आइटी के ट्रेड स्वीकृत किए गए थे। मगर हैरान करने वाली बात है कि इतने साल बाद भी यहां शिक्षकों की तैनाती नहीं हो पाई है। पॉलीटेक्निक में लेक्चरर के सभी स्वीकृत 12 पद रिक्त हैं। हेड ऑफ डिपार्टमेंट के चार स्वीकृत पदों मे से दो पर ही नियुक्ति हो पाई है। प्राचार्य समेत इन दो शिक्षकों पर ही सिविल और मैकेनिकल इंजीनिय¨रग के छात्रों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिविल और मैकेनिकल इंजीनिय¨रग के छात्र किस तरह की तकनीकी शिक्षा हासिल कर रहे हैं। अब जब परीक्षा सर पर है तो छात्रों को तैयारी के लिए श्रीनगर पॉलीटेक्निक भेजा गया है।
नहीं मिली अभी तक मान्यता
पर्याप्त शिक्षकों और भवन के अभाव में अभी तक सिविल व मैकेनिकल इंजीनिय¨रग ट्रेड को भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से मान्यता नहीं मिल पाई हैं। हालांकि आईटी ट्रेड को मान्यता दी गई है।
शिक्षकों की तैनाती हर बार शासन से पत्राचार किया जाता है। वहीं पॉलीटेक्निक की 1.26 एकड़ भूमि पर भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उम्मीद है जल्द ही संस्थान की व्यवस्था सुधरेगी।
ओमेंद्र प्रसाद, प्राचार्य, महिला पॉलीटेक्नि कॉलेज, गोपेश्वर।