केंद्र सरकार की नमामि गंगे योजना पर उठाए सवाल
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: माटू जन संगठन के संयोजक विमल भाई ने कहा कि केंद्र सरकार से चलाई जा रही नमामि
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: माटू जन संगठन के संयोजक विमल भाई ने कहा कि केंद्र सरकार से चलाई जा रही नमामि गंगे योजना में पहाड़ के बांधों से होने वाले नुकसानों को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई है। जबकि जिन पहाड़ों में गंगा का उद्गम है वहीं अधिकतर बांधों का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि अब फिर से केंद्र व राज्य सरकारें पहाड़ों में बड़े बांधों के निर्माण की कोशिश में जुटी हुई है। इस अवसर पर बांध क्यों पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
लोनिवि निरीक्षण भवन में पत्रकारों से बातचीत में माटू जन संगठन के संयोजक विमल भाई ने कहा कि वर्ष 2013 में उत्तराखंड में आई विनाशकारी आपदा में गंगा ने बांधों को नकारा है। आपदा के दौरान गंगा घाटी के सारे बांध या तो टूटे हैं या फिर धराशाई हुए हैं। उन्होंने कहा कि बांधों के निर्माण के दौरान किए गए विस्फोटों से गंगा घाटी पहले से ही कमजोर हुई है। इसी का नतीजा है कि विष्णुप्रयाग, लामबगड़, पांडुकेश्वर, गो¨वदघाट आदि क्षेत्रों को आपदा के दौरान व्यापक नुकसान हुआ। यहां तक कि श्रीनगर गढ़वाल का एक बड़ा हिस्सा भी इससे बर्बाद हुआ। तब बांधों के कारण हुए नुकसान की कोई जांच व कार्रवाई नहीं की गई। इसी का नतीजा है कि चमोली जिले के हाट गांव को आज तक पूरी तरह से पुर्नवास नहीं किया गया है। हरसारी, दुर्गापुर आदि प्रभावित गांवों के लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है। इस अवसर पर नरेंद्र पोखरियाल, राजेंद्र हटवाल, चंद्रमोहन समेत कई लोग मौजूद थे।