सड़क से जुडे़ंगें डेढ़ दर्जन गांव
संवाद सहयोगी, कर्णप्रयाग: नारायणबगड़ विकासखंड के उत्तरीकड़ाकोट पट्टी के 15 गांव की 20 हजार आबादी को या
संवाद सहयोगी, कर्णप्रयाग: नारायणबगड़ विकासखंड के उत्तरीकड़ाकोट पट्टी के 15 गांव की 20 हजार आबादी को यातायात से जोड़ने की तैयार शुरू हो गई है।
चमोली जिले में उत्तरीकड़ाकोट पट्टी के डेढ़ दर्जन से अधिक गांव में सड़क सुविधा नहीं है। ग्रामीण नारायणबगड़ से पैदल ही गांव तक पहुंचते हैं। सड़क के लिए ग्रामीण लगातार दो दशक से आन्दोलन कर इस परखाल-केदारकोट मोटर मार्ग निर्माण की मांग कर रहे थे। अब स्थानीय विधायक डॉ.जीत राम की पहल पर पीएमजीएसवाइ ने 20 नवंबर से इस मोटर मार्ग पर कटिंग कार्य शुरू कर दिया गया है। सड़क बनने से बेथरा, लोदला, कफारतीत, खगोलीखाल, सेंज, जाखपाटियूं, चिरखून, कोठली, कोथरा, सुनभि, कोट, भटियाणा, ग्वाड़, केदारकोट सहित एक दर्जन गांव यातायात सुविधा से जुड़ जाएंगे। ग्राम प्रधान कोथरा महिपाल सिंह, संजय सिंह, बलवीर सिंह, बालम सिंह, दरबान सिंह ने बताया कि विक्टोरिया क्रॉस दरबान सिंह के गांव कफारतीत को यातायात से जोड़ने की याद शासन को अब आयी है रेंस गांव के बुजुर्ग विक्रम सिंह का कहना है कि अब इन गांवों से हो रहा पलायन रुकेगा और विपणन की व्यवस्था होने से यहां उत्पादित अनाज नजदीकी बाजारों तक पहुंचेगा।
परखाल-केदारकोट मोटर मार्ग का सच
कर्णप्रयाग: एक ओर जहां उत्तरीकड़ाकोट पट्टी के ग्रामीण मोटर मार्ग सुविधा से लाभ की उम्मीद लगाए हैं वहीं परखाल-केदारकोट मोटर मार्ग से लगे चोपता गांव तक 200 मी. सड़क नही पहुंचने से ग्रामीणों को मलाल है, रेंस गांव के ग्रामीण विक्रम सिंह का कहना है कि वर्ष 2007 में चोपता गांव के ग्रामीणों ने 200 मी. सड़क को अपने खेतों से नही गुजरने की बात कही इस पर तत्कालीन विधायक ने अपनी निधि से 10 लाख की स्वीकृति देकर लोनिवि थराली से कार्य भी कराया, लेकिन आधा-अधूरा कार्य बरसात में क्षतिग्रस्त हो गया,चोपता गांव के ग्रामीणों ने 200 मी. भूमि मोटर मार्ग को नही दी। इससे कई गांव लाभान्वित होते, इसके उलट आज रेंस गांव के ग्रामीणों ने अपनी पांच किमी उपजाऊ भूमि देकर यातायात से वंचित गांवों को सड़क निर्माण को विकास से जोड़ने का कार्य किया है।
परखाड़-केदारकोट मोटर मार्ग पर 19 करोड़ की लागत से कार्य 20 नवंबर से शुरू है इससे अब यातायात से वंचित गांव सड़क सुविधा से जुड़ सकेगें।
वीएस रावत, ईई पीएमजीएसवाइ