'ज्ञान' को नहीं मिल रहा ठिकाना
प्रस्तावित : हरीश बिष्ट संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : दशोली विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय सेमडुंग्रा के
प्रस्तावित : हरीश बिष्ट
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : दशोली विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय सेमडुंग्रा के छात्रों की कक्षाएं पिछले चार माह से कभी खुले में तो कभी पंचायतघर में लगाई जा रही हैं। पहले तो प्रकृति ने सरस्वती के सिर से छत छीन ली और अब 50 छात्र शिक्षा के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। इसके बावजूद विद्यालय भवन की मरम्मत को लेकर अबतक कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण पहले तो छात्रों की कक्षाएं खुले मैदान में लगी लेकिन, फिर बरसात से बचने के लिए पंचायतभवन के दो कमरों में ही विद्यालय बन गया।
27 अप्रैल को तेज आंधी के कारण दशोली विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय सेमडुंग्रा की छत उड़ गई थी। आंधी के बाद आई बारिश से चार कक्षों वाले इस विद्यालय भवन की दीवारें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। पहले तो अप्रैल-मई में मौसम साफ होने के चलते खुले मैदान में ही छात्र छात्राओं का पठन पाठन चला। घटना के बाद इसकी जानकारी विद्यालय प्रबंधन व ग्रामीणों की ओर से शिक्षा विभाग को भी दी गई। लेकिन, जून के अंतिम सप्ताह में जब मानसून ने दस्तक दी, तो शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई। ग्रामीणों की स्वीकृति के बाद छात्र छात्राओं का पठन पाठन विद्यालय से 300 मीटर की दूरी पर स्थित गांव के पंचायत घर में शुरू कराया गया। फिलहाल छात्रों की कक्षाएं पंचायतघर की दो कमरों में ही लग रही हैं।
ठूंस-ठूंस कर दो कमरों में भरे छात्र
दो कमरे और 50 छात्र। ऐसे में छात्रों की हालत भेड़ बकरियों की तरह हो गई है। 50 छात्र-छात्राओं को किसी तरह ठूंस-ठूंस कर इन दो कमरों में बैठाया जाता है। मौसम साफ रहा तो गनीमत है कक्षाएं खुले में लग जाएं। लेकिन, बरसात आते ही आफत मच जाती है।
पंचायतघर भी बदहाल
पंचायत घर के हालात भी कुछ अच्छे नहीं हैं। दोनों कमरों के अंदर कई स्थानों से पानी आ रहा है। बरसात होते ही दोनों कमरे टपकने लगते हैं। सेमडुंग्रा निवासी गुड्डी देवी का कहना है कि अप्रैल माह में भवन की छत उड़ने के बाद ही शिक्षा विभाग से शिकायत की जा चुकी थी। लेकिन, आज तक विद्यालय भवन की मरम्मत तो छोड़ो छात्र छात्राओं के पठन पाठन की व्यवस्था के लिए भी विभाग झांकने नहीं आया। राजेंद्र सिंह कहते हैं कि बरसात शुरू होने के बाद पंचायत घर में किसी तरह पठन पाठन शुरू कराया गया। लेकिन, पंचायत घर भी पुराना होने से जगह-जगह पानी टपक रहा है। ऐसे में बरसात के दिन विद्यालय की छुट्टी करना ही मजबूरी बन गया है।
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प्राथमिक विद्यालय सेमडुंग्रा भवन की मरम्मत के लिए जिला योजना में धनराशि प्रस्तावित की गई है। भवन मरम्मत का कार्य शुरू न होने तक जूनियर हाईस्कूल में व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। जूनियर हाईस्कूल में पर्याप्त कक्षाएं हैं।
हरीशचंद्र सिंह रावत, मुख्य शिक्षा अधिकारी चमोली