सड़क से महरूम ग्रामीणों को धोखा दे रहा लोनिवि
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: लोक निर्माण विभाग वर्षो से सड़क सुविधाओं की राह देख रहे दशोली विकासखंड के हज
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: लोक निर्माण विभाग वर्षो से सड़क सुविधाओं की राह देख रहे दशोली विकासखंड के हजारों गामीणों को धोखा दे रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विभाग ने वन भूमि हस्तांतरण किए बिना ही मासौं-कफलखेत-दादड़-देबखाल मोटर मार्ग के लिए निविदाएं आमंत्रित कर दी। जबकि भूमि हस्तांतरण के लिए स्वीकृति के 13 वर्ष बाद भी लोनिवि ने वन विभाग को पूरे दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए हैं। जिसके चलते दर्जनों गांव विकास की राह में पिछड़ रहे हैं।
दशोली विकासखंड के मासौं क्षेत्र के 15 गांवों को यातायात सुविधा मुहैया कराने के लिए वर्ष 2002 में मासौं-कफलखेत -दादड़-देबखाल नौ किमी सड़क को स्वीकृति मिली थी। इस सड़क पर छह किमी निर्माण के लिए 2004 में वित्तीय स्वीकृति भी मिली। बावजूद इसके विभाग द्वारा कई सालों तक टेंडर प्रक्रिया ही प्रारंभ नहीं की गई। ग्रामीणों ने जब विरोध शुरू किया तो जनवरी 2015 में लोनिवि प्रांतीय खंड गोपेश्वर द्वारा बिना वन भूमि हस्तांतरण के ही सड़क निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई। लोनिवि सड़क के लिए अनुबंध गठित नहीं कर पा रहा है, कारण वन भूमि हस्तांरण का मामला लटका हुआ है। ऐसे में भविष्य में भी मार्ग के बनने की उम्मीदें धरी की धरी हैं। ग्रामीणों को घरों तक पहुंचने के लिए रोजाना कई किमी रास्ते पैदल नापने पड़ रहे हैं।
ग्रामीणों ने ईई कार्यालय पर की तालाबंदी
गोपेश्वर: सड़क निर्माण शुरू नहीं होने से गुस्साए मासौं क्षेत्र के ग्रामीणों ने लोनिवि के अधिशासी अभियंता कार्यालय पर तालाबंदी की और डीएफओ का घेराव किया। जल्दी सड़क नहीं बनने पर उन्होंने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
सोमवार को मासौं, कफलखेत, दादड़, पाडुली, कनखोली, देबखाल, देवर पुंगड़ी, भदुड़ा आदि गांवों के ग्रामीण भारी संख्या में लोनिवि के अधिशासी अभियंता कार्यालय पर पहुंचे और तालाबंदी कर दी। यहां उन्होंने विभाग के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। यहां से ग्रामीण केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के कार्यालय पहुंचे और डीएफओ को घेर दिया। उन्होंने बताया कि वर्षो से सड़क नहीं बनने के कारण उन्होंने मुश्किल हालात का सामना करना पड़ रहा है। यहां प्रदर्शन करने के बाद ग्रामीण डीएम कार्यालय पहुंचे और जिलाधिकारी से शिकायत की। जिलाधिकारी अशोक कुमार ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि संबंधित विभागों से वार्ता की जाएगी।
तालाबंदी करने वालों में क्षेत्र पंचायत सदस्य रोशन लाल, डीसीडीएफ के निदेशक विक्रम सिंह नेगी, जिला पंचायत सदस्य उषा रावत, पार्वती देवी, मालती देवी, सुरेशी देवी, बीना देवी, गोपाल लाल, नंदी देवी समेत कई ग्रामीण शामिल थे।
सड़क स्वीकृत होने के बाद ग्रामीणों के आंदोलन को देखते हुए निविदाएं आमंत्रित की गई। वन विभाग को भूमि हस्तांतरण के लिए सड़क निर्माण संबंधी दस्तावेज भेजे गए हैं।
वीरेंद्र सिंह बत्र्वाल, सहायक अभियंता लोनिवि गोपेश्वर
भूमि हस्तांतरण के लिए जो प्रस्ताव वन विभाग को दिए गए वह अपूर्ण थे। दस्तावेज पूर्ण होने के बाद ही स्वीकृति दी जाएगी। यदि बिना वन भूमि हस्तांतरण के सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया तो वन विभाग नियमानुसार कार्रवाई करेगा।
आकाश कुमार वर्मा, डीएफओ, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर।