नहीं खुला हाईवे, बीआरओ पसीना पसीना
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: ऋषिकेश-बदरीनाथ हाइवे को लेकर सीमा सड़क संगठन की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: ऋषिकेश-बदरीनाथ हाइवे को लेकर सीमा सड़क संगठन की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले चमोली जिले में इस हाईवे पर लामबगड़ स्लाइड जोन ही सबसे बड़ा चुनौती था। लेकिन इस वर्ष कंचनगंगा हिमखंड और हाथीपहाड़ स्लाइड जोन ने बीआरओ की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। इन दोनों स्थानों पर हाइवे को खोलने में बीआरओ ने दिन-रात एक कर दिए हैं। लेकिन उसे खोलने में सफलता नहीं मिल सकी है। प्रदेश सरकार के अलावा प्रशासन भी फिलहाल पूरा ध्यान इन दो स्थानों पर ही लगाए हुए है।
श्री बदरीनाथ धाम की यात्रा के लिए ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग ही यातायात का एकमात्र साधन है। हर वर्ष यात्रा काल के दौरान हाइवे जगह-जगह बीआरओ के लिए चुनौती से कम साबित नहीं हुआ है। चमोली जिले में सबसे खतरनाक लामबगड़ स्लाइड जोन हर वर्ष सीमा सड़क संगठन के लिए मुसीबत साबित हुआ है। लामबगड़ में आए दिन पहाड़ी गिरने, मलबा और पत्थरों के आने से यात्रियों को दिक्कतें होती रही हैं। लेकिन इस वर्ष लामबगड़ के अलावा कंचनगंगा हिमखंड तथा हाथीपहाड़ स्लाइड जोन ने सरकार, प्रशासन व बीआरओ की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। 26 अप्रैल को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद सीमा सड़क संगठन का पूरा ध्यान कंचनगंगा हिमखंड पर था। इससे पहले हाइवे सुचारु करने के लिए 15 अप्रैल से बीआरओ ने कंचनगंगा हिमखंड हटाने का कार्य प्रारंभ कर दिया था। 19 दिन बीत गए हैं। लेकिन अभी तक कंचनगंगा में हाइवे खोलने के लिए 10 फीट हिमखंड हटाना बाकी है। यहां पर हिमखंड हटाने के लिए बीआरओ की मशीनों के अलावा जेपी की भारी भरकम मशीनों की भी मदद ली जा रही है। इधर, कंचनगंगा के बाद हाथीपहाड़ भूस्खलन जोन ने भी बीआरओ का पसीना छुड़ा दिया है। सीमा सड़क संगठन के मेजर रूपज्योति दास का कहना है कि हाथीपहाड़ व कंचनगंगा में हाइवे को जल्द सुचारु किया जाएगा। इसके लिए बीआरओ युद्ध स्तर पर कार्य में जुटा हुआ है।