सिमली में नौ माह में तीन दुग्ध प्रबंधक बदले
संवाद सहयोगी, कर्णप्रयाग: सिमली दुग्ध संघ तमाम कोशिशों के बाद भी उबर नहीं पा रहा है। दुग्ध उपार्जन 1
संवाद सहयोगी, कर्णप्रयाग: सिमली दुग्ध संघ तमाम कोशिशों के बाद भी उबर नहीं पा रहा है। दुग्ध उपार्जन 1100 लीटर प्रतिदिन से ज्यादा नहीं बढ़ पा रहा। वर्तमान में दुग्ध संघ सिमली में प्रबंधक पर तैनात एसएस पाल का स्थानातरण देहरादून हो गया है। उनके स्थान पर अब सहायक निदेशक डेरी विकास चमोली रामप्रसाद अब प्रबंधक का अतिरिक्त कार्य भी देखेंगे। नौ माह के भीतर शासनस्तर से यहां तीन प्रबंधकों को भेजा लेकिन तीनों का अन्यत्र तबादला कर दिया गया।
गौरतलब है कि दुग्ध संघ सिमली में अगस्त 2014 से अनियमितताओं की शिकायत पर प्रबंधक एमएस पाल का तबादला कर जेएस मौर्य को तैनात किया गया था। अगस्त से जनवरी 2015 तक मौर्य ने सिमली दुग्ध संघ में व्याप्त खामियों को दूर करने की कोशिशें की लेकिन कर्मियों को वेतन न मिलने पर आला अधिकारी नाराज हो गए। उन्होंने मौर्य को दुग्ध उपार्जन का लक्ष्य पूर्ण करने पर ही वेतन आहरण के निर्देश देते हुए उन्हें श्रीनगर स्थानांतरित कर दिया गया। तीन माह पूर्व यहां तैनात एसएस पाल का भी तबादला कर दिया गया है।
दुग्ध संघ सिमली के कार्यो की हो जांच
कर्णप्रयाग: स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी से सिमली दुग्ध संघ में व्याप्त अनियमितताओं की जांच की मांग की है। जिलाधिकारी को प्रेषित पत्र में अब तक वितरित हुए ऋण से पशु खरीद, दवाइयों पर व्यय राशि, कार्यरत कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलने, दुग्ध उपार्जन के विपरीत ट्रांसपोर्टरों पर व्यय राशि और 8 वर्ष से तैनात परियोजना प्रबंधक के कार्यो की जांच की मांग को उठाया गया है। इसके अलावा दुग्ध संघ का आडिट करने की भी मांग की है। उल्लेखनीय है कि दुग्ध संघ का 6 वर्ष से आडिट नहीं हुआ है। ज्ञापन भेजने वालों में बीएस मिंगवाल, डीएस रावत, आशीष, संतोष आदि शामिल हैं।
ग्रीष्मकाल में दुग्ध उपार्जन कम हो जाता है गाय-गंगा योजना को जोड़कर पशुपालन व्यवसाय में जुडे काश्तकारों को लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।
राम प्रसाद, सहायक निदेशक डेयरी विकास, चमोली