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विधायिका के हस्तक्षेप से पंचायतों के अस्तित्व को खतरा

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: राष्ट्रीय पंचायत दिवस पर आयोजित गोष्ठी में पंचायतों में विधायिका के हस्तक्षे

By Edited By: Published: Fri, 24 Apr 2015 04:35 PM (IST)Updated: Fri, 24 Apr 2015 04:35 PM (IST)
विधायिका के हस्तक्षेप से  पंचायतों के अस्तित्व को खतरा

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: राष्ट्रीय पंचायत दिवस पर आयोजित गोष्ठी में पंचायतों में विधायिका के हस्तक्षेप पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे पंचायतों का अस्तित्व खतरे में है तथा अधिकारों के लिए पंचायतों को मजबूत करने की आवश्यकता है।

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जिला पंचायत सभागार में जिला पंचायत अध्यक्ष मुन्नी देवी की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी में कहा गया कि उत्तराखंड में यहां की परिस्थितियों के अनुसार अपना पंचायत राज एक्ट लागू किया जाना चाहिए। गोष्ठी में जिला पंचायत उपाध्यक्ष लखपत बुटोला ने सभी सदस्यों का आह्वान किया कि वे अधिकारों के लिए एकजुट होकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि पंचायत राज व्यवस्था में अधिकारियों का हस्तक्षेप भी कम नहीं है। गोष्ठी में पूर्व ब्लॉक प्रमुख मगन लाल ने सूचना अधिकार के तहत लोक सूचना अधिकारी ग्राम प्रधान को थोपा गया है। इसमें संशोधन की आवश्यकता है तथा पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए पंचायतों के ढांचे का पुर्नगठन किया जाना जरूरी है। इस अवसर पर जिला पंचायत राज अधिकारी आरएस असवाल ने बताया कि चमोली जिले में बेहतर कार्य करने वाले क्षेत्र पंचायत सदस्य थराली तथा जोशीमठ के तीन ग्राम प्रधानों को अच्छे कार्य केलिए सम्मानित किया जा रहा है। इस अवसर पर घाट के प्रमुख करण सिंह नेगी, जिला पंचायत सदस्य मनोज भंडारी, दर्शन सिंह रावत, दशोली की प्रमुख प्रमिला सजवाण, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत तेज सिंह सहित कई लोगों ने विचार व्यक्त किए।


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