श्रद्धालुओं को नहीं खाने पड़ेंगे हिचकोले
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: श्री बदरीनाथ धाम व बाबा केदारनाथ के दर्शनों के लिए अब श्रद्धालुओं हिचकोले न
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: श्री बदरीनाथ धाम व बाबा केदारनाथ के दर्शनों के लिए अब श्रद्धालुओं हिचकोले नहीं खाने पड़ेंगे। गोपेश्वर से लेकर ऊखीमठ कुंड तक 81 किमी मोटर मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग में बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस राजमार्ग निर्माण के लिए सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग खंड रुद्रप्रयाग की स्थापना भी की है। एक अप्रैल 2015 से यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग खंड रुद्रप्रयाग के अधीन होने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
गोपेश्वर-ऊखीमठ कुंड मोटर मार्ग बदरीनाथ व केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए अहम माना जाता है। केदारनाथ के दर्शन करने के बाद अधिकांश यात्री इसी मोटर मार्ग से गोपेश्वर होते हुए बदरीनाथ जाते हैं। जो यात्री पहले भगवान बदरी विशाल के दर्शन करते हैं वे बाद में उसके बाद इस मार्ग से केदारनाथ धाम के दर्शनों को जाते हैं। इस मार्ग का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि यहां से गुजरने वाले यात्री बदरी, केदार के साथ-साथ संतानदायिनी अनुसूया, तृतीय केदार तुंगनाथ जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों के अतिरिक्त पर्यटन स्थल चोपता, केदारनाथ वन्य जीव विहार की भी सैर करते हैं।
अभी तक इस मोटर मार्ग का आधा हिस्सा लोक निर्माण विभाग गोपेश्वर (चमोली) व आधा हिस्सा लोक निर्माण विभाग ऊखीमठ (रुद्रप्रयाग) के पास है। मोटर मार्ग की स्थिति यह है कि जगह-जगह बड़े बड़े गड्ढे, क्षतिग्रस्त दीवार के अलावा कई स्थानों पर पूरी की पूरी सड़क ही क्षतिग्रस्त हो रखी है। यात्रियों के साथ स्थानीय लोगों को भी इस सड़क पर हिचकोले खाकर सफर करना पड़ता है। मोटर मार्ग को हाईवे में तब्दील करने से उम्मीद है कि यात्रियों को बदरी-केदार धाम यात्रा करने में राहत मिलेगी।
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ये होगा कार्य
-सड़क के राष्ट्रीय राजमार्ग में परिवर्तित होने के बाद राज्य सरकार के बजाय केंद्र सरकार करेगी देखरेख
-राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में सड़क का चौड़ीकरण, हॉटमिक्स डामरीकरण, रिटर्निग व ब्रेस्टवॉल निर्माण, कॉजवे निर्माण समेत अन्य कार्य होंगे
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इन धार्मिक पर्यटन स्थलों की भी होगी सैर
अनुसूया मंदिर, अत्रि मुनि आश्रम, केदारनाथ वन्य जीव विहार, जड़ी बूटी शोध संस्थान, चोपता, तुंगनाथ मंदिर
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'चमोली-गोपेश्वर-कुंड मोटर मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग में परिवर्तित करने की कार्यवाही गतिमान है। लोक निर्माण विभाग एक अप्रैल 2015 को यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग खंड रुद्रप्रयाग को सौंपेगा। उसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की कार्रवाई शुरू होगी।'
वीरेंद्र जौहरी, अधिशासी अभियंता लोनिवि गोपेश्वर