बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू
संवाद सूत्र, बदरीनाथ: श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया शीतकालीन पूजा स्थल योगध्यान बदरी म
संवाद सूत्र, बदरीनाथ: श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया शीतकालीन पूजा स्थल योगध्यान बदरी मंदिर से शुरू हो गई है। बसंत पंचमी के दिन राजा मनुजयेंद्र शाह की उपस्थिति में टिहरी के राज पुरोहित कपाट खोले जाने के लिए शुभ मुहूर्त निकालेंगे।
पांडुकेश्वर में बुधवार को शाम पांच बजे डिमरी पंचायत के बारीदार गाडू घड़े को लेकर सबसे पहले बारीदार चंद्र सिंह पंवार के घर पहुंचे। यहां रात्रि को घड़े की पूजा अर्चना कर गुरुवार को प्रात: नौ बजे शुभ मुहूर्त के अनुसार गाजे बाजे एवं 200 वर्ष पुराने दक्षिणमुखी शंख, बदरी विशाल के जयकारों के साथ योगध्यान बदरी मंदिर पहुंचे। मंदिर में पुजारी राजेंद्र डिमरी ने विधिविधान से मंत्रोच्चारण के बीच गाडू घड़े की पूजा अर्चना की। तदोपरांत भगवान बदरी विशाल का दोपहर का राजभोग लगाया।
इस अवसर पर बदरीनाथ धाम में पूजा में रखे जाने वाला दक्षिणमुखी शंख भी लगातार डिमरी बारीदारों ने बजाया। परंपरा के अनुसार बदरीनाथ धाम में शंख को बजाना वर्जित है। इसलिए इस शंख को बदरीनाथ के गर्भगृह में केवल पूजा के लिए रखा जाता है। राजभोग का प्रसाद सभी ग्रामीणों को बांटा गया। उसके बाद गाडू घडे़ को लेकर डिमरी पंचायत के
डिमरी पंचायत के केंद्रीय अध्यक्ष सुरेश डिमरी, अरविंद डिमरी और मनोज डिमरी नरेंद्रनगर के लिए रवाना हुए। जोशीमठ नृसिंह मंदिर में भी गाडू घड़े की दोपहर में पूजा हुई। शाम को घड़े की पूजा लक्ष्मीनारायण मंदिर डिम्मर में की जाएगी। शुक्रवार को डिम्मर से गाडू घड़ा ऋषिकेश के लिए रवाना होगा। वहां से शनिवार को यह गाडू घड़ा नरेंद्र नगर स्थित टिहरी राजा के दरबार में ले जाया जाएगा।