शव को पुलिस चौकी में रखकर किया प्रदर्शन
संवाद सूत्र, नारायणबगड़: वर्कशॉप संचालक हरि प्रसाद की हत्या के मामले में पुलिस को लोगों के आक्रोश का
संवाद सूत्र, नारायणबगड़: वर्कशॉप संचालक हरि प्रसाद की हत्या के मामले में पुलिस को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार को जब शव नारायणबगड़ लाया गया तो आक्रोशित लोगों ने शव को पुलिस चौकी में रखकर प्रदर्शन किया। साथ ही कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे पर भी जाम लगा दिया। इस दौरान थानाध्यक्ष थराली व ग्रामीणों के बीच धक्का मुक्की भी हो गई। शोक में मंगलवार को नारायणबगड़ बाजार भी बंद रहा।
उल्लेखनीय है कि नारायणबगड़ के बैनोली गांव निवासी वर्कशाप संचालक हरि प्रसाद (37 वर्ष) पुत्र धनीराम पांच जनवरी से लापता चल रहे थे। इस मामले में 11 जनवरी को थाना थराली में व्यापारी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। बीते सोमवार को लापता व्यापारी का शव पिंडर नदी में पत्थरों के नीचे दबा हुआ ग्रामीणों को मिला। धारदार हथियारों से गला रेतकर शव को दफनाया गया था। मंगलवार को जिला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। जब शव नारायणबगड़ लाया गया तो लोगों का आक्रोश भड़क उठा। गुस्साए लोगों ने कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया। मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष देवराज शर्मा व जांच अधिकारी दरोगा राजीव चौहान से भी प्रदर्शन कर रहे लोगों की धक्का मुक्की हो गई।
ग्रामीणों के आक्रोश को भांपते हुए जिला मुख्यालय से पुलिस उपाधीक्षक जगदीश चंद्र यादव मौके पर पहुंचे और लोगों से वार्ता की। उन्होंने ग्रामीणों से एक सप्ताह का समय कार्रवाई के लिए मांगा। इस पर ग्रामीण नहीं माने और समाचार लिखे जाने तक शव को चौकी के समक्ष से नहीं उठाया। पुलिस उपाधीक्षक जगदीश चंद्र यादव ने बताया कि मामले में आठ लोगों से पूछताछ की जा रही है। जिसमें कुछ लोग संदिग्ध हैं।
प्रदर्शन करने वालों में ब्लॉक प्रमुख अंशी देवी, प्रधान संगठन के अध्यक्ष महेशानंद चंदोला, क्षेत्र पंचायत सदस्य हरेंद्र सिंह, महिपाल सिंह, व्यापार संघ अध्यक्ष डॉ.सुधीर नेगी, मनीषा, पुष्पा देवी, रेखा देवी, उर्मिला देवी, समेत कई लोग शामिल थे।
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व्यापारियों ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
गोपेश्वर: व्यापारी की मौत की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर उत्तराखंड प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन दिया है। व्यापारियों का कहना है कि व्यापारी के लापता होने के बाद उनके घर में उसे अगवा करने का पत्र भी मिला। बावजूद इसके पुलिस शव तक नहीं तलाश पाई। उन्होंने मांग की कि शीघ्र ही व्यापारी के हत्यारों की गिरफ्तारी न की गई तो व्यापारी जिलेभर में आंदोलन शुरू कर देंगे। ज्ञापनदाताओं में व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष प्रकाश चंद्र मिश्रा, सुरेंद्र सिंह लिंगवाल, दीवान सिंह बिष्ट, राकेश डिमरी, जयवीर मनराल, गब्बर सिंह रावत, राजेंद्र ममगांई, पुष्कर सिंह कुंवर आदि शामिल हैं।
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धमकी वाली चिट्ठी की जांच शुरू
हरि प्रसाद की हत्या के मामले में पुलिस अब पूर्व में मिले पत्र की जांच में जुट गई है। 10 जनवरी को हरि प्रसाद की गोशाला में उसकी बेटी शिवानी को यह पत्र मिला था। यह पत्र हरि प्रसाद के पिता धनी राम के नाम था। इसमें लिखा था कि 'धनी राम चाचा आपका बेटा हमारे कब्जे में है। इसकी उसको सजा मिल रही है। उसने हमको जातिसूचक शब्द कहा, जबकि मैं सवर्ण हूं'। धनीराम ने उसी दिन यह पत्र पुलिस को सौंप दिया। यह पत्र एक 2008 वर्ष की डायरी के पन्ने पर लिखा गया था जो आधा फटा हुआ था। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आखिर कौन उस पत्र को गौशाला तक लाया।