बिना चिकित्सक शोपीस बना अस्पताल
संवाद सूत्र, गौचर : अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उच्चीकृत कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का
संवाद सूत्र, गौचर : अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उच्चीकृत कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा तो दे दिया, लेकिन वह केवल कागजों में ही है। आज भी यह चिकित्सालय एक एलोपैथिक व एक आयुर्वेदिक चिकित्सक के भरोसे चल रहा है।
वर्ष 2002 में अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र गौचर का उच्चीकरण कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विलय की स्वीकृति दी गयी। इसके उपरांत तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री तिलक राज बेहड़ ने विधिवत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का शिलान्यास भी किया। इसके उपरांत वर्ष 2007 में भवन निर्माण की स्वीकृति के साथ तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने पुन: इसका शिलान्यास किया। भवन निर्माण होने के बाद वर्ष 2013-14 में स्वास्थ्य विभाग को भवन हस्तांतरित भी कर दिया गया, लेकिन अन्य सुविधाओं की ओर किसी का ध्यान नहीं है। वर्तमान में इस चिकित्सालय में एक एलोपेथिक चिकित्सक व आयुर्वेदिक चिकित्सकों सहित दो फार्मेसिस्ट तैनात हैं। सामुदायिक स्तर की सुविधाएं उपलब्ध न होने से रानीगढ़, धनपुर, नागपुर की तीन पट्यिों के अलावा नगर पंचायत क्षेत्र की 30 हजार आबादी वाले राजमार्ग पर अवस्थित होने के कारण तीर्थ यात्रियों को उपचार के लिए बेस अस्पताल श्रीनगर जाना मजबूरी है। वहीं स्वास्थ्य विभाग चिकित्सकों सहित अन्य स्टाफ व सामुदायिक स्तर की सुविधाओं के लिए शासन को कई बार लिख चुका है, लेकिन अभी तक कोई सुविधा नही मिल सकी है।
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चिकित्सालय में चिकित्सकों सहित अन्य स्टाफ के लिए निदेशालय को पत्र भेजा गया है। फरवरी में भवन का लोकार्पण होने के बाद यहां सामुदायिक अस्पताल की सुविधाएं मिलना संभव होगा।
डॉ.अजीत गैरोला, सीएमओ चमोली।