लाटू के राह में सड़क का रोड़ा
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: लासी-सरतोली मोटर मार्ग शीतकालीन यात्रा में श्रद्धालुओं की राह का रोड़ा बनेगा।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: लासी-सरतोली मोटर मार्ग शीतकालीन यात्रा में श्रद्धालुओं की राह का रोड़ा बनेगा। 14 वर्षों से इस मोटर मार्ग पर अभी तक विभाग कटिंग कार्य तक पूरा नहीं कर पाया है। प्रशासन ने तीन-तीन निर्माण एजेंसियों को इस सड़क के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन अभी मोटर मार्ग की स्थिति जस की तस बनी है। शीतकाल में यात्रियों को ठेली के लाटू देवता के दर्शन करने के लिए 12 किमी का लंबा पैदल सफर तय करना पड़ेगा।
वर्ष 1973 में चमोली-लासी-सरतोली मोटर मार्ग के निर्माण की मांग ग्रामीणों द्वारा की गई। 1997 में चमोली से सरतोली तक 23 किमी सड़क स्वीकृत हुई और वर्ष 2000 में इस मोटर मार्ग पर निर्माण कार्य शुरू हुआ। सड़क की लंबाई व दुर्गम होने के कारण प्रशासन ने एशियन डेवलपमेंट बैंक, लोक निर्माण विभाग व पीएमजीएसवाइ को सड़क निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी। हालत यह है कि सड़क पर अभी तक कटिंग का कार्य ही पूरा नहीं हो पाया है। लाटू देवता के धाम ठेली गांव तक सड़क की कटिंग तो की गई है। परंतु लस्यारी से ठेली तक 12 किमी सड़क की स्थिति जर्जर बनी हुई है। अभी तक इस सड़क को सुधारने के लिए प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है। उससे साफ है कि शीतकाल में श्रद्धालुओं को लाटू देवता के दर्शन करने के लिए 12 किमी का पैदल सफर तय करना होगा।
मान्यता
-ठेली के लाटू देवता को देवाल वाण के लाटू देवता से जोड़कर देखा जाता है। लाटू देवता लोगों की आराध्या मां नंदा के भाई के रूप में जाने जाते हैं। राजजात यात्रा में ठेली गांव के लाटू देवता भी वाण से राजजात की अगुवाई में देवाल के लाटू देवता के साथ शामिल होते हैं। यह ठेली गांव के आराध्य देवता भी हैं।
पौराणिकता
-ठेली के ग्राम प्रधान सुरेंद्र सिंह रावत अंशु कहते हैं कि लाटू देवता का मंदिर गांव में 200 वर्ष पुराना है। पहले लाटू देवता का मंदिर स्थानीय कटुवा पत्थरों से बनाया गया था। बाद में इसकी जीर्ण शीर्ण स्थिति होने के बाद इसका सौंदर्यीकरण कर आधुनिक स्वरूप दिया गया है। इस मंदिर में ग्रामीण प्रतिदिन लाटू देवता की पूजा अर्चना करते हैं। मंदिर के अंदर लाटू देवता का श्रीयंत्र मौजूद है।