यात्रा मार्ग पर सुचारु बिजली आपूर्ति चुनौतीपूर्ण
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: शीतकाल में बदरीनाथ की यात्रा पांडुकेश्वर तक जारी रखने के लिए प्रशासन को या
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर:
शीतकाल में बदरीनाथ की यात्रा पांडुकेश्वर तक जारी रखने के लिए प्रशासन को यात्रा स्थलों पर बिजली व्यवस्था सुचारु रखने की चुनौती होगी। शीतकाल में बर्फबारी से विद्युत लाइनों में दिक्कतें होती रही हैं।
शीतकाल में यात्रा जारी रखने का सरकार का निर्णय नि:संदेह पहाड़ी क्षेत्रों में तीर्थाटन और पर्यटन को एक साथ जोड़ने में कामयाब होगा। लेकिन यात्रा पड़ावों तथा यात्रास्थल में मूलभूत सुविधाओं के सृजन को लेकर भी सरकार को मशक्कत करनी होगी। बिजली की ही बात करें तो शीतकाल में बर्फबारी से ऊंचे पहाड़ी इलाकों से गुजर रही बिजली लाइन क्षतिग्रस्त होती रही हैं, जिससे लोगों को कई दिनों तक बिजली के दर्शन नहीं होते हैं। ऐसे में प्रशासन को बिजली सेवा सुचारु रखने के लिए कारगर कदम उठाने होंगे। ऊर्जा निगम की कार्यशैली से लोग भली-भांति वाकिफ हैं। यात्रा सीजन के दौरान विद्युत की आंखमिचौनी किसी से छिपी नहीं है। वहीं श्रीनगर से चमोली के लिए आने वाली एकमात्र हाइटेंशन लाइन छांतीखाल के जंगलों में आए दिन बाधित होती रही है। शीतकाल में अगर बिजली आपूर्ति में बाधा पहुंची तो यात्रियों को ठंड से निपटने में दिक्कतें हो सकती हैं।
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ये उठाने होंगे कदम
-जंगलों में पेड़ों के बीच से गुजर रही हाइटेंशन लाइन के आसपास पेड़ों की टहनियों की लॉपिंग समय पर करनी होगी।
-पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों व बिजली सामग्री को जोशीमठ सहित संवेदनशील क्षेत्रों में रखना होगा।
-यात्रा मार्ग को शीतकाल में बिजली कटौती से अलग रखना होगा।
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क्या कहते हैं अधिकारी
शीतकाल में पांडुकेश्वर से आगे लामबगड़ तक बिजली आपूर्ति जारी रहती है। अगर बर्फ पड़ने के बाद लाइन में खराबी आती है तो ऊर्जा निगम के पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। यात्रा रूट पर शीतकाल में बिजली आपूर्ति सुचारु रखने के लिए निगम पर्याप्त इंतजाम करेगा।
वीरेंद्र सिंह पंवार, अधिशासी अभियंता, ऊर्जा निगम चमोली
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