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बरसात के मौसम से पहले ही कत्यूर घाटी में शुरू हुई धान की रोपाई

बरसात अभी शुरू भी नही हुई, लेकिन धान की रोपाई शुरू होने लगी है। कत्यूर घाटी में लोग पॉवर ट्रीलर व बैलों से अपने खेतों की जुताई करने लगे है।

By BhanuEdited By: Published: Mon, 29 May 2017 12:39 PM (IST)Updated: Tue, 30 May 2017 06:00 AM (IST)
बरसात के मौसम से पहले ही कत्यूर घाटी में शुरू हुई धान की रोपाई
बरसात के मौसम से पहले ही कत्यूर घाटी में शुरू हुई धान की रोपाई

बागेश्वर, [जेएनएन]: बरसात अभी शुरू भी नही हुई, लेकिन धान की रोपाई शुरू होने लगी है। लोग पॉवर ट्रीलर व बैलों से अपने खेतों की जुताई करने लगे है। कत्यूर घाटी में तो रोपाई करते काश्तकार आसानी से देखे जा सकते है।

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बारिश जहां आफत ला रही है, वहीं काश्तकारों को इसका समय से पहले लाभ भी मिल रहा है। इस बार बरसात के मौसम से पहले ही काफी बारिश हो गई है। खेतों में रोपाई लायक धान के बीज भी हो गए है। ऐसे में काश्तकार रोपाई में जल्दी करने लगे है। 

पहाड़ में अमूमन धान की रोपाई जून के दूसरे सप्ताह होती है। बीते वर्ष बारिश नही होने से तो रोपाई जुलाई माह में हुई थी। इस बार बारिश अधिक होने से रोपाई मई माह में ही होने लगी।  

प्रगतिशील काश्तकार कृष्ण चंद्र तिवारी ने बताया की रोपाई के लिए बारिश पर्याप्त हो रही है। अगर ऐसे ही बारिश होती रही तो जल्द सभी अपने खेतों में रोपाई कर लेंगे। कृषि विशेषज्ञ डॉ. रमेश बिष्ट ने बताया की मौसम परिवर्तन का असर साफ दिखार्इ दे रहा है। किसानों को बदलते मौसम के अनुसार अपने को ढालना होगा।

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