बुनियादी सुविधाओं से भी लोग महरूम
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : सरकारों ने भले ही आम जनमानस के लिए तमाम योजनाएं बनाई हों लेकिन क्रियान्व
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : सरकारों ने भले ही आम जनमानस के लिए तमाम योजनाएं बनाई हों लेकिन क्रियान्वयन के अभाव में उसका लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल पाता है। यही स्थिति जन सुविधाओं के मामले में भी है। बागेश्वर जनपद में जन सुविधाओं के नाम पर न तो रैन बसेरे हैं और न ही शौचालय की सुविधा। दबंगों ने भले ही सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर आशियाने बना लिए हों लेकिन पालिका एक मूत्रालय बनाने के लिए चार स्क्वायर फीट स्थान भी नहीं ढूंढ पाई।
2.50 लाख की आबादी वाले बागेश्वर जनपद में जन सुविधाओं के नाम पर धरातल पर कुछ भी नहीं है। कुछ योजनाएं बनीं तो उनका लाभ आम जनता को नहीं मिला है जबकि अधिकांश योजनाएं फाइलों से बाहर नहीं आई। लगभग 12 हजार की आबादी बागेश्वर नगर में निवास करती है। परंतु जनता की सुरक्षित आवाजाही के लिए फुटपाथ नहीं है। सड़कों के किनारे तेज रफ्तार वाहनों के बीच जान का जोखिम बना रहता है। नगरीय क्षेत्र में शौचालय की उचित व्यवस्था नहीं होने से महिलाओं को सर्वाधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इक्का दुक्का स्थानों पर जहां शौचालय हैं वहां पर सफाई व्यवस्था चौपट है। शहर में मूत्रालय नहीं होने से यात्री व व्यापारी भी परेशान रहते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जन सुविधाओं के और भी अधिक बुरे हाल हैं। जनपद के सभी गांवों में भले ही जन मिलन केंद्र बनाए गए हों लेकिन आधी अधूरी व्यवस्थाओं के बीच महज खानापूर्ति कर बना दिए गए इन केंद्रों का उपयोग कम ही लोग कर पाते हैं।