ठंडे बस्ते में शासनादेश, अंधेरे में नौनिहालों का भविष्य
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : दो माह पहले प्रदेश के मुख्य सचिव द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को विद्यालय
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : दो माह पहले प्रदेश के मुख्य सचिव द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को विद्यालयों के औचक निरीक्षण का आदेश फाइलों में दब कर रह गई। शासनादेश का अनुपालन न होने से स्कूलों से शिक्षकों के नदारद रहने का सिलसिला जारी है। सो नौनिहालों का भविष्य अंधेरे में है।
प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गिरती स्थिति व कुछ अध्यापकों द्वारा विद्यालय से अनुपस्थित रहने को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गंभीरता से लिया है। इस पर मुख्य सचिव ने 20 अगस्त को एक आदेश जारी कर निर्देश दिए कि जनपद के सीडीओ, एसडीएम व तहसीलदार दूरस्थ विद्यालयों का प्रत्येक सप्ताह औचक निरीक्षण करें। साथ ही लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसकी सूचना शिक्षा महानिदेशालय को भी दी जाए। निरीक्षण में सड़क मार्ग से दूर के विद्यालयों को विशेष रूप से चिह्नित करने को कहा गया। इसमें दोषी शिक्षक के खिलाफ सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने तक का भी आदेश है। परंतु दो माह बीतने के बाद भी न तो किसी विद्यालय का निरीक्षण किया गया और न ही लापरवाह शिक्षकों पर इसका असर दिख रहा है।
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ये होती हैं अनियमितताएं
1- समय से स्कूल न पहुंचना तथा समय से पूर्व विद्यालय बंद करना।
2- कुछ शिक्षक स्कूल में पढ़ाई के बजाय फोन व फेसबुक में व्यस्त रहना।
3- उपस्थिति पंजिका में बिना अवकाश अंकित किए ही कई दिनों तक स्कूल से गायब रहना।
4- विवेकाधीन व आकस्मिक अवकाश का पंजिका में अंकन न करना।
5- कुछ विद्यालयों में प्रॉक्सी टीचर की नियुक्ति।
6- गरीब बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान न देना।
7- एक से अधिक अध्यापक होने पर विद्यालय को संचालन के लिए दिन निर्धारित।
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लापरवाह शिक्षकों के विद्यालयों को चिह्नित किया गया है। शीघ्र ही दूरस्थ विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया जाएगा। लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- हिमांशु जोशी, सीडीओ, बागेश्वर
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विद्यालयों के निरीक्षण के संबंध में जनपद के विभिन्न तहसीलों के एसडीएम का कहना है कि दीपावली के बाद विद्यालयों का समय-समय पर औचक निरीक्षण किया जाएगा। अनुपस्थित पाए जाने वाले अध्यापक-अध्यापिकाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।